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Questions and Answers
जैशंकर प्रसाद का जन्म कहाँ हुआ था?
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जैशंकर प्रसाद की रचनाओं की प्रमुख विशेषता क्या है?
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जैशंकर प्रसाद की प्रसिद्ध कविता संग्रह कौन सी है?
जैशंकर प्रसाद की प्रसिद्ध कविता संग्रह कौन सी है?
जैशंकर प्रसाद की नाटक कौन सी है?
जैशंकर प्रसाद की नाटक कौन सी है?
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जैशंकर प्रसाद की लेखन शैली पर किसका प्रभाव है?
जैशंकर प्रसाद की लेखन शैली पर किसका प्रभाव है?
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जैशंकर प्रसाद ने 1958 में कौन सा पुरस्कार प्राप्त किया?
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जैशंकर प्रसाद की विरासत क्या है?
जैशंकर प्रसाद की विरासत क्या है?
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जैशंकर प्रसाद को किस वर्ष में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया?
जैशंकर प्रसाद को किस वर्ष में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया?
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जैशंकर प्रसाद को किस विश्वविद्यालय द्वारा सम्मानिक डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई?
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जैशंकर प्रसाद को कौन सा पुरस्कार 1972 में प्रदान किया गया?
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जैशंकर प्रसाद ने किस वर्ष में महापंडित राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार प्राप्त किया?
जैशंकर प्रसाद ने किस वर्ष में महापंडित राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार प्राप्त किया?
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Study Notes
Life and Career
- Jaishankar Prasad (1889-1937) was a Hindi poet, playwright, and novelist from India.
- Born in Varanasi, Uttar Pradesh, India.
- Studied at Queens College, Varanasi, and later at Forman Christian College, Lahore.
Literary Contributions
- Known for his contributions to the Chhayavaad movement in Hindi literature.
- Wrote poetry, plays, and novels that explored themes of love, freedom, and social issues.
- Notable works include:
- Poetry collections: "Chitra" and "Lahar"
- Plays: "Skanda Gupta" and "Chandragupta"
- Novels: "Kankal" and "Titli"
Style and Influence
- Prasad's writing style was characterized by:
- Use of symbolism and imagery
- Exploration of complex emotions and psychological themes
- Experimentation with language and form
- Influenced by Western literature, particularly the works of Rabindranath Tagore and Oscar Wilde.
- His work had a significant impact on modern Hindi literature, inspiring generations of writers and poets.
Legacy
- Jaishankar Prasad is considered one of the most important Hindi writers of the 20th century.
- His work continues to be widely read and studied in India and abroad.
- His legacy extends beyond literature, with his ideas and themes influencing Indian thought and culture.
जैशंकर प्रसाद का जीवन और करियर
- जैशंकर प्रसाद (1889-1937) हिन्दी के एक प्रमुख कवि, नाटककार और उपन्यासकार थे।
- इनका जन्म वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत में हुआ था।
- इन्होंने क्वीन्स कॉलेज, वाराणसी और फॉर्मन क्रिश्चियन कॉलेज, लाहौर में शिक्षा प्राप्त की।
साहित्यिक योगदान
- जैशंकर प्रसाद छायावाद आंदोलन में हिन्दी साहित्य के अग्रदूत थे।
- इनकी रचनाओं में प्रेम, स्वाधीनता और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा है।
- इनकी उल्लेखनीय रचनाएं हैं:
- काव्य संग्रह: "चित्र" और "लहर"
- नाटक: "स्कंद गुप्त" और "चंद्रगुप्त"
- उपन्यास: "कंकाल" और "तितली"
शैली और प्रभाव
- जैशंकर प्रसाद की लेखन शैली की विशेषताएं हैं:
- प्रतीकवाद और कल्पना का प्रयोग
- जटिल भावनाओं और मनोवैज्ञानिक विषयों की_PADhyay
- भाषा और रूप में प्रयोग
- इनकी रचनाओं पर पश्चिमी साहित्य, विशेषकर रवींद्रनाथ टैगोर और ऑस्कर वाइल्ड के कार्यों का प्रभाव था।
- इनकी रचनाओं ने हिन्दी साहित्य पर उल्लेखनीय प्रभाव डाला और कई लेखकों और कवियों को प्रेरित किया।
विरासत
- जैशंकर प्रसाद 20वीं शताब्दी के हिन्दी साहित्य के सबसे महत्वपूर्ण लेखकों में से एक हैं।
- इनकी रचनाओं का अध्ययन और पठन today भी किया जाता है।
- इनकी विरासत साहित्य से परे हिन्दुस्तानी विचार और संस्कृति पर भी प्रभाव डालती है।
पुरस्कार और मान्यता
- जयशंकर प्रसाद ने हिन्दी साहित्य में अपने योगदान के लिए कई पुरस्कार और मान्यता प्राप्त की।
- साहित्य अकादमी पुरस्कार: 1958 में प्रसाद को उनके कविता संग्रह "कामायनी" के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- पद्म भूषण: 1967 में प्रसाद को भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
- महापंडित राहुल सанкृत्यायन पुरस्कार: 1968 में प्रसाद को महापंडित राहुल संकृत्यायन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- मानार्थ डॉक्टरेट: 1971 में आगरा विश्वविद्यालय ने प्रसाद को मानार्थ डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की।
- भारत भारती पुरस्कार: 1972 में प्रसाद को भारत भारती पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- इन पुरस्कारों और मान्यता से प्रसाद के हिन्दी साहित्य में योगदान और भारतीय साहित्यिक हलकों में उनके प्रभाव की पुष्टि होती है।
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Description
जैशंकर प्रसाद एक हिन्दी कवि, नाटककार और उपन्यासकार थे। उन्होंने च्छायावाद आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया और प्रेम, स्वतंत्रता और सामाजिक मुद्दों जैसे विषयों पर लिखा।