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Questions and Answers
जैन त्योहारों की विशेषता क्या है?
जैन त्योहारों की विशेषता क्या है?
त्याग, तपस्या, शास्त्रों का अध्ययन, पवित्र भजनों की पुनरावृत्ति, ध्यान और परमात्मा के प्रति समर्पण
पवित्र जैन ग्रंथ कौन सा है जिसे पय्यपषण महापिप के दौरान पढ़ा जाता है?
पवित्र जैन ग्रंथ कौन सा है जिसे पय्यपषण महापिप के दौरान पढ़ा जाता है?
महावीर जयंती चैत्र में अमावस्या को मनाई जाती है।
महावीर जयंती चैत्र में अमावस्या को मनाई जाती है।
False
भाई बीज किस त्योहार से संबंधित है?
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ज्ञान पंचमी कब मनाई जाती है?
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महावीर स्वामी ने _______ प्राप्त किया।
महावीर स्वामी ने _______ प्राप्त किया।
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आषाढ़ चतुदपशी जैन साधुओं द्वारा तपस्या के चार महीनों की शुरुआत को चिह्नित करता है।
आषाढ़ चतुदपशी जैन साधुओं द्वारा तपस्या के चार महीनों की शुरुआत को चिह्नित करता है।
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कावटपक मास की पवणपमा कब समाप्त होती है?
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नीचे दिए गए जैन त्योहारों के साथ उनके विशेष महत्व का मिलान करें:
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Study Notes
जैन त्योहारों की विशेषताएँ
- जैन त्योहारों की पहचान त्याग, तपस्या, भजन, ध्यान और आत्मसमर्पण से होती है।
- संसार के बंधनों से मुक्त होने का प्रयास करते हुए जैन लोग उपासना और साधना में लीन हो जाते हैं।
पय्यपषण महापिप
- भाद्रपद में घटते चंद्रमा के बारहवें वदन से प्रारंभ होकर शुक्ल पक्ष के चौथे वदन तक मनाया जाता है।
- जैन समुदाय इस दौरान उपवास और तप का पालन करता है, जिसमें बच्चे भी शामिल होते हैं।
- आध्यात्मिक गुरु पवित्र ग्रंथ कल्पसत्र को पढ़ते और समझाते हैं।
- आठवें वदन का नाम वसंतमद्ध और इसे संित्सरी महापिप के रूप में मनाते हैं।
निपद ओली
- तपस्या के अंतर्गत निपद की पूजा की जाती है।
- श्रीपाल और मायना की कहानी का नाटकीय प्रदर्शन होता है।
महावीर जयंती
- अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्मचंद्र के तेरहवें वदन को चैत्र के महीने में मनाया जाता है।
- इस अवसर पर भव्य रथ यात्रा और सामुदायिक पूजा का आयोजन होता है।
वदिाली
- कावतपक मास की अमावस्या को महावीर स्वामी द्वारा मुक्ति प्राप्त करने की रात मनाई जाती है।
- चतुर्दशी, पयवणपमा और नए साल के अनुष्ठान विशेष रूप से ध्यान और जप के साथ मनाए जाते हैं।
भाई बीज
- यह त्योहार भाई-बहन के रिश्ते को समर्पित है, जो कावतपक में बढ़ते चंद्रमा के पखवाड़े के अंतिम दिन मनाया जाता है।
- इसमें बहन भाई को अपने घर बुलाकर सत्कार करती है।
ज्ञान पंचमी
- कावतपक के शुक्ल पक्ष के पाँचवें वदन को मनाया जाता है।
- यह दिन ज्ञान की पूजा के लिए समर्पित होता है, जिसमें ध्यान, पौषध और पवित्र पाठ शामिल हैं।
आषाढ़ चतुदपशी
- चातुमास का प्रारंभ आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष के 14 व 15वें वदन से होता है।
- जैन साधु इस दौरान जहाँ होते हैं, वहीं पर निवास करते हैं और तपस्या का पालन करते हैं।
कावतपक पयवणपमा
- आषाढ़ चतुदपशी के समाप्ति पर जैन साधु-साध्वियों की पदयात्रा प्रारंभ होती है।
- यह समय शत्रुंजय-पावलताना की तीर्थ यात्रा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
मौन एकादशी
- इस दिन मौन धारण करने का विशेष महत्व है, जो आत्मा की शांति और मन की एकाग्रता का प्रतीक है।
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Description
यह क्विज जैन त्योहारों और उनकी परंपराओं पर केंद्रित है। जैन धर्म में त्याग, तपस्या और ध्यान का विशेष महत्व है। इस क्विज के माध्यम से आप जैन त्यौहारों की गहराई में जा सकते हैं।