हिन्दी गद्यांश विश्लेषण

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Questions and Answers

पाठ्यपुस्तक अभिकल्पना के बुनियादी सिद्धांतों में निम्नलिखित में से कौन सा सिद्धांत शामिल नहीं है?

  • तकनीकी सिद्धांत (correct)
  • प्रस्तुतीकरण सिद्धांत
  • मूर्त सिद्धांत
  • पाठ्यचर्या सिद्धांत

बुनियादी चरण के बच्चे अधिगम में अधिक कब शामिल होते हैं?

  • जब मुख्य केन्द्र सूक्ष्म गत्यात्मक कौशलों के विकास पर होता है।
  • जब वे सभी इंद्रियों का प्रयोग करते हैं और अपने हाथों का सक्रिय प्रयोग करते हैं। (correct)
  • जब वे कॉपी में अक्षरों को बार-बार ट्रेस करते हैं।
  • जब वे अध्यापक के पीछे-पीछे शिशुगीत गाते हैं।

बच्चों द्वारा शिशु गीत, गीत, अलापना, किस संदर्भ में सही नहीं है?

  • उच्चारण का अभ्यास करने के
  • शब्दावली को समृद्ध करने के
  • शब्द और वाक्य संरचना को कंठस्थ करने के (correct)
  • अभिव्यक्ति का संवर्द्धन और वाक्यों की लय के

एक अध्यापक द्वारा शिक्षार्थियों को अभ्यास पुस्तिकाएँ बदलने के लिए कहने का उद्देश्य क्या है?

<p>सहपाठी के काम की जाँच के कौशल विकसित करना। (A)</p>
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इस बार मौसम विभाग ने घोषणा की है कि देश के कई हिस्सों के ऊपर मानसून कमजोर रह सकता है। मानसून की यह स्थिति विशेष रूप से उत्तर भारत के लिए चिंता का विषय है। देश की कृषि व्यवस्था का बहुत बड़ा हिस्सा वर्षा पर निर्भर है। यदि मानसून कमजोर रहा तो खेती की स्थिति बिगड़ सकती है। देश में कई बड़े शहर ऐसे हैं जहाँ गर्मी के मौसम में पानी की भारी किल्लत हो जाती है। अगर बारिश नहीं हुई तो जीवन मुश्किल हो सकता है, विशेष रूप से शहरों की स्थिति बहुत खराब हो सकती है। अमेरिका में स्थित एक थिंक टैंक संस्था द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2050 तक भारत में पानी का संकट सबसे अधिक होगा। यह संकट भारत में गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र और सिंधु जैसी नदियों का जल स्तर धीरे-धीरे कम होने के कारण उत्पन्न होगा। इन नदियों की कुल लंबाई लगभग 2500 किलोमीटर है। ये नदियाँ कई राज्यों से गुजरती हैं। छोटे किसानों पर पड़ने वाला संकट और गाँव की करीब चालीस प्रतिशत आबादी की पानी पर निर्भरता इस संकट को और बढ़ा देती है। भारत के वैज्ञानिकों का मानना है कि पिछले 50 वर्षों में ग्लेशियर के पिघलने की गति तेज हो गई है। इससे यह खतरा और बढ़ जाता है कि 2050 तक भारत में जल संकट की स्थिति भयावह हो जाएगी। गद्यांश के अनुसार, 2050 तक पानी का सबसे बड़ा संकट किस देश में आने वाला है?

<p>भारत में (B)</p>
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इस बार मौसम विभाग ने घोषणा की है कि देश के कई हिस्सों के ऊपर मानसून कमजोर रह सकता है। मानसून की यह स्थिति विशेष रूप से उत्तर भारत के लिए चिंता का विषय है। देश की कृषि व्यवस्था का बहुत बड़ा हिस्सा वर्षा पर निर्भर है। यदि मानसून कमजोर रहा तो खेती की स्थिति बिगड़ सकती है। देश में कई बड़े शहर ऐसे हैं जहाँ गर्मी के मौसम में पानी की भारी किल्लत हो जाती है। अगर बारिश नहीं हुई तो जीवन मुश्किल हो सकता है, विशेष रूप से शहरों की स्थिति बहुत खराब हो सकती है। अमेरिका में स्थित एक थिंक टैंक संस्था द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2050 तक भारत में पानी का संकट सबसे अधिक होगा। यह संकट भारत में गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र और सिंधु जैसी नदियों का जल स्तर धीरे-धीरे कम होने के कारण उत्पन्न होगा। इन नदियों की कुल लंबाई लगभग 2500 किलोमीटर है। ये नदियाँ कई राज्यों से गुजरती हैं। छोटे किसानों पर पड़ने वाला संकट और गाँव की करीब चालीस प्रतिशत आबादी की पानी पर निर्भरता इस संकट को और बढ़ा देती है। भारत के वैज्ञानिकों का मानना है कि पिछले 50 वर्षों में ग्लेशियर के पिघलने की गति तेज हो गई है। इससे यह खतरा और बढ़ जाता है कि 2050 तक भारत में जल संकट की स्थिति भयावह हो जाएगी। अल नीनो का प्रभाव किस पर पड़ता है?

<p>मानसून पर (B)</p>
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भारत की नदियों में जल कम होने का मुख्य कारण क्या है?

<p>ग्लेशियरों के क्षेत्रफल में कमी आना (D)</p>
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गंगा के किनारे बसे लोगों की आबादी लगभग कितनी है?

<p>40 करोड़ (B)</p>
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नदियों का पानी धीरे-धीरे कम होता जाएगा। वाक्य में रेखांकित पद क्या है?

<p>क्रिया विशेषण (B)</p>
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इस बार मौसम विभाग ने घोषणा की है कि देश के कई हिस्सों के ऊपर मानसून कमजोर रह सकता है। मानसून की यह स्थिति विशेष रूप से उत्तर भारत के लिए चिंता का विषय है। देश की कृषि व्यवस्था का बहुत बड़ा हिस्सा वर्षा पर निर्भर है। यदि मानसून कमजोर रहा तो खेती की स्थिति बिगड़ सकती है। देश में कई बड़े शहर ऐसे हैं जहाँ गर्मी के मौसम में पानी की भारी किल्लत हो जाती है। अगर बारिश नहीं हुई तो जीवन मुश्किल हो सकता है, विशेष रूप से शहरों की स्थिति बहुत खराब हो सकती है। अमेरिका में स्थित एक थिंक टैंक संस्था द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2050 तक भारत में पानी का संकट सबसे अधिक होगा। यह संकट भारत में गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र और सिंधु जैसी नदियों का जल स्तर धीरे-धीरे कम होने के कारण उत्पन्न होगा। इन नदियों की कुल लंबाई लगभग 2500 किलोमीटर है। ये नदियाँ कई राज्यों से गुजरती हैं। छोटे किसानों पर पड़ने वाला संकट और गाँव की करीब चालीस प्रतिशत आबादी की पानी पर निर्भरता इस संकट को और बढ़ा देती है। भारत के वैज्ञानिकों का मानना है कि पिछले 50 वर्षों में ग्लेशियर के पिघलने की गति तेज हो गई है। इससे यह खतरा और बढ़ जाता है कि 2050 तक भारत में जल संकट की स्थिति भयावह हो जाएगी। 'इस ग्लेशियर का पौने दो किलोमीटर हिस्सा पिघलकर गायब हो चुका है।' वाक्य में रेखांकित पद क्या है?

<p>संख्यावाचक विशेषण (A)</p>
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इस बार मौसम विभाग ने घोषणा की है कि देश के कई हिस्सों के ऊपर मानसून कमजोर रह सकता है। मानसून की यह स्थिति विशेष रूप से उत्तर भारत के लिए चिंता का विषय है। देश की कृषि व्यवस्था का बहुत बड़ा हिस्सा वर्षा पर निर्भर है। यदि मानसून कमजोर रहा तो खेती की स्थिति बिगड़ सकती है। देश में कई बड़े शहर ऐसे हैं जहाँ गर्मी के मौसम में पानी की भारी किल्लत हो जाती है। अगर बारिश नहीं हुई तो जीवन मुश्किल हो सकता है, विशेष रूप से शहरों की स्थिति बहुत खराब हो सकती है। अमेरिका में स्थित एक थिंक टैंक संस्था द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2050 तक भारत में पानी का संकट सबसे अधिक होगा। यह संकट भारत में गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र और सिंधु जैसी नदियों का जल स्तर धीरे-धीरे कम होने के कारण उत्पन्न होगा। इन नदियों की कुल लंबाई लगभग 2500 किलोमीटर है। ये नदियाँ कई राज्यों से गुजरती हैं। छोटे किसानों पर पड़ने वाला संकट और गाँव की करीब चालीस प्रतिशत आबादी की पानी पर निर्भरता इस संकट को और बढ़ा देती है। भारत के वैज्ञानिकों का मानना है कि पिछले 50 वर्षों में ग्लेशियर के पिघलने की गति तेज हो गई है। इससे यह खतरा और बढ़ जाता है कि 2050 तक भारत में जल संकट की स्थिति भयावह हो जाएगी। 'पर्यावरण' में उपसर्ग और मूल शब्द क्या हैं?

<p>परि + आवरण (A)</p>
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इस बार मौसम विभाग ने घोषणा की है कि देश के कई हिस्सों के ऊपर मानसून कमजोर रह सकता है। मानसून की यह स्थिति विशेष रूप से उत्तर भारत के लिए चिंता का विषय है। देश की कृषि व्यवस्था का बहुत बड़ा हिस्सा वर्षा पर निर्भर है। यदि मानसून कमजोर रहा तो खेती की स्थिति बिगड़ सकती है। देश में कई बड़े शहर ऐसे हैं जहाँ गर्मी के मौसम में पानी की भारी किल्लत हो जाती है। अगर बारिश नहीं हुई तो जीवन मुश्किल हो सकता है, विशेष रूप से शहरों की स्थिति बहुत खराब हो सकती है। अमेरिका में स्थित एक थिंक टैंक संस्था द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2050 तक भारत में पानी का संकट सबसे अधिक होगा। यह संकट भारत में गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र और सिंधु जैसी नदियों का जल स्तर धीरे-धीरे कम होने के कारण उत्पन्न होगा। इन नदियों की कुल लंबाई लगभग 2500 किलोमीटर है। ये नदियाँ कई राज्यों से गुजरती हैं। छोटे किसानों पर पड़ने वाला संकट और गाँव की करीब चालीस प्रतिशत आबादी की पानी पर निर्भरता इस संकट को और बढ़ा देती है। भारत के वैज्ञानिकों का मानना है कि पिछले 50 वर्षों में ग्लेशियर के पिघलने की गति तेज हो गई है। इससे यह खतरा और बढ़ जाता है कि 2050 तक भारत में जल संकट की स्थिति भयावह हो जाएगी। गद्यांश में किस संकट की बात की गई है?

<p>जल संकट (B)</p>
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इस संसार में सब कुछ द्वैतात्मक है। पाप और पुण्य दोनों इस संसार से संबंधित हैं, इसलिए पाप और पुण्य भी संसारिक हैं। पुण्य स्वयं वैराग्य नहीं है, वह भी एक बंधन है। यदि पुण्य को अर्जित करने में व्यक्ति का मन संलग्न हो, तो पुण्य भी बंधन बन जाता है। लोहे की जंजीर हो या सोने की, दोनों से व्यक्ति बंधता है। लोहे की जंजीर से तो व्यक्ति मुक्त होना चाहता है, लेकिन सोने की जंजीर से यदि व्यक्ति का मन जुड़ जाए, तो वह बंधन प्रिय लगने लगता है। उसको उस बंधन में मज़ा आता है, वह उससे छूटने का प्रयास नहीं करता। 'स्वतंत्र' का विलोम शब्द क्या है?

<p>परतंत्र (D)</p>
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इस संसार में सब कुछ द्वैतात्मक है। पाप और पुण्य दोनों इस संसार से संबंधित हैं, इसलिए पाप और पुण्य भी संसारिक हैं। पुण्य स्वयं वैराग्य नहीं है, वह भी एक बंधन है। यदि पुण्य को अर्जित करने में व्यक्ति का मन संलग्न हो, तो पुण्य भी बंधन बन जाता है। लोहे की जंजीर हो या सोने की, दोनों से व्यक्ति बंधता है। लोहे की जंजीर से तो व्यक्ति मुक्त होना चाहता है, लेकिन सोने की जंजीर से यदि व्यक्ति का मन जुड़ जाए, तो वह बंधन प्रिय लगने लगता है। उसको उस बंधन में मज़ा आता है, वह उससे छूटने का प्रयास नहीं करता। पाप और पुण्य दोनों कैसे हैं?

<p>अस्थायी (C)</p>
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इस संसार में सब कुछ द्वैतात्मक है। पाप और पुण्य दोनों इस संसार से संबंधित हैं, इसलिए पाप और पुण्य भी संसारिक हैं। पुण्य स्वयं वैराग्य नहीं है, वह भी एक बंधन है। यदि पुण्य को अर्जित करने में व्यक्ति का मन संलग्न हो, तो पुण्य भी बंधन बन जाता है। लोहे की जंजीर हो या सोने की, दोनों से व्यक्ति बंधता है। लोहे की जंजीर से तो व्यक्ति मुक्त होना चाहता है, लेकिन सोने की जंजीर से यदि व्यक्ति का मन जुड़ जाए, तो वह बंधन प्रिय लगने लगता है। उसको उस बंधन में मज़ा आता है, वह उससे छूटने का प्रयास नहीं करता। समूह से भिन्न शब्द कौन सा है?

<p>फल (B)</p>
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इस संसार में सब कुछ द्वैतात्मक है। पाप और पुण्य दोनों इस संसार से संबंधित हैं, इसलिए पाप और पुण्य भी संसारिक हैं। पुण्य स्वयं वैराग्य नहीं है, वह भी एक बंधन है। यदि पुण्य को अर्जित करने में व्यक्ति का मन संलग्न हो, तो पुण्य भी बंधन बन जाता है। लोहे की जंजीर हो या सोने की, दोनों से व्यक्ति बंधता है। लोहे की जंजीर से तो व्यक्ति मुक्त होना चाहता है, लेकिन सोने की जंजीर से यदि व्यक्ति का मन जुड़ जाए, तो वह बंधन प्रिय लगने लगता है। उसको उस बंधन में मज़ा आता है, वह उससे छूटने का प्रयास नहीं करता। पाप और पुण्य दोनों की तुलना क्रमशः किससे की गई है?

<p>लोहे, स्वर्ण (A)</p>
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इस संसार में सब कुछ द्वैतात्मक है। पाप और पुण्य दोनों इस संसार से संबंधित हैं, इसलिए पाप और पुण्य भी संसारिक हैं। पुण्य स्वयं वैराग्य नहीं है, वह भी एक बंधन है। यदि पुण्य को अर्जित करने में व्यक्ति का मन संलग्न हो, तो पुण्य भी बंधन बन जाता है। लोहे की जंजीर हो या सोने की, दोनों से व्यक्ति बंधता है। लोहे की जंजीर से तो व्यक्ति मुक्त होना चाहता है, लेकिन सोने की जंजीर से यदि व्यक्ति का मन जुड़ जाए, तो वह बंधन प्रिय लगने लगता है। उसको उस बंधन में मज़ा आता है, वह उससे छूटने का प्रयास नहीं करता। गद्यांश के अनुसार इस संसार में कुछ भी कैसा नहीं है?

<p>स्थायी (B)</p>
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इस संसार में सब कुछ द्वैतात्मक है। पाप और पुण्य दोनों इस संसार से संबंधित हैं, इसलिए पाप और पुण्य भी संसारिक हैं। पुण्य स्वयं वैराग्य नहीं है, वह भी एक बंधन है। यदि पुण्य को अर्जित करने में व्यक्ति का मन संलग्न हो, तो पुण्य भी बंधन बन जाता है। लोहे की जंजीर हो या सोने की, दोनों से व्यक्ति बंधता है। लोहे की जंजीर से तो व्यक्ति मुक्त होना चाहता है, लेकिन सोने की जंजीर से यदि व्यक्ति का मन जुड़ जाए, तो वह बंधन प्रिय लगने लगता है। उसको उस बंधन में मज़ा आता है, वह उससे छूटने का प्रयास नहीं करता। गद्यांश के अनुसार पाप और पुण्य में क्या समान है?

<p>दोनों में बंधन है। (B)</p>
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इस संसार में सब कुछ द्वैतात्मक है। पाप और पुण्य दोनों इस संसार से संबंधित हैं, इसलिए पाप और पुण्य भी संसारिक हैं। पुण्य स्वयं वैराग्य नहीं है, वह भी एक बंधन है। यदि पुण्य को अर्जित करने में व्यक्ति का मन संलग्न हो, तो पुण्य भी बंधन बन जाता है। लोहे की जंजीर हो या सोने की, दोनों से व्यक्ति बंधता है। लोहे की जंजीर से तो व्यक्ति मुक्त होना चाहता है, लेकिन सोने की जंजीर से यदि व्यक्ति का मन जुड़ जाए, तो वह बंधन प्रिय लगने लगता है। उसको उस बंधन में मज़ा आता है, वह उससे छूटने का प्रयास नहीं करता। पुण्य में उसके फल को क्या किया जा सकता है?

<p>हम स्वीकार नहीं भी कर सकते। (A)</p>
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कोई भी व्यक्ति किसके द्वारा सर्वाधिक उपयुक्त तरीके से द्वितीय भाषा सीख सकता है?

<p>अपने समाज में सहजात वाचकों (मूलभाषा बोलने वालों) के सतत सम्पर्क के माध्यम से। (B)</p>
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यदि बच्चे अपने परिवेश में ही भाषाओं का बोलना सुनते हैं, दो भाषाओं को सुनने के ये अवसर:

<p>बच्चों को लाभ पहुँचाते हैं। (C)</p>
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विद्यार्थी अध्यापक द्वारा दिए गए आदर्श वाक्यों को दोहराकर भाषा के प्रतिमान सीखते हैं। अध्यापक द्वारा क्या किया जा रहा है?

<p>श्रव्य भाषिक विधि (C)</p>
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शिक्षार्थियों से अपेक्षा रहती है कि वे विषयवस्तु को विस्तार से ध्यानपूर्वक और सावधानीपूर्वक पढ़ें, यह क्या है?

<p>गहन पठन (इंटेंसिव) (D)</p>
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पाठ के आरंभ में एक अध्यापक ने अपनी कक्षा के शिक्षार्थियों को समूहों में बाँटा और कहा कि अभी हाल ही में पढ़े गए समाचार पत्र के रुचिकर आलेख के बारे में बात करें। बोलने (वाचन) की यह गतिविधि किसलिए है?

<p>मौखिक प्रवाह अभ्यास (A)</p>
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बच्चों का संज्ञानात्मक विकास और भाषा किस से संबंधित है ?

<p>उस संस्कृति और समुदायों से घनिष्ठ रूप से संबंधित है जिनमें बच्चे रहते हैं (B)</p>
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भाषा अर्जन किससे संबंधित है?

<p>उद्दीपक प्रतिक्रिया संबंध के सिद्धांत और अनुकरण की प्रक्रिया से संबंधित है। (B)</p>
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प्राथमिक स्तर पर भाषा कौशल का आकलन करने के लिए भाषा अध्यापक को मुख्यतः किस पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए?

<p>समझ के साथ पठन। (B)</p>
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समग्र भाषा उपागम क्या है?

<p>ध्वनि-संकेत संबंध में निष्कर्ष निकालना (B)</p>
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एक अध्यापक ने कक्षा पाँच के विद्यार्थियों को शीघ्रता से एक कहानी पढ़ने और उसके बाद चार चित्रों को क्रम में लगाने के लिए कहा। इस गतिविधि का क्या उद्देश्य है?

<p>सारांशीकरण के लिए पठन का अभ्यास करवाना। (C)</p>
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"भाषा अधिगम एक गहन प्रक्रिया है जो जन्म के समय से शुरू होती है और जीवन पर्यन्त चलती है।" क्या आप इस कथन से सहमत या असहमत हैं?

<p>मैं इस कथन से सहमत हूँ। (B)</p>
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बुनियादी चरण में आकलन के उपकरण और प्रक्रियाओं की अभिकल्पना इस तरह होनी चाहिए:

<p>जो बच्चे के अधिगम अनुभव का सहज विस्तार बन सके। (A)</p>
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शिक्षार्थी व्याकरण के नियम और शब्द संपदा को कंठस्थ कर रहे हैं, अधिकांश कार्य मातृभाषा में हो रहा है। भाषा अध्यापक द्वारा अपनी कक्षा में किस विधि का प्रयोग करना चाहिए?

<p>व्याकरण अनुवाद (B)</p>
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कक्षा में छोटे बच्चों के लिए मुद्रित पुस्तकों के साथ-साथ श्रव्य पुस्तकें और छोटे बच्चों की स्पर्शग्राही योग्यताओं का इस्तेमाल करने वाली पुस्तकें होनी चाहिए क्योंकि-

<p>विविधता वाले शिक्षार्थियों तक पुस्तकें अधिक सुलभ बनाती है। (A)</p>
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पठन सीखने में सबसे बड़ी चुनौती प्रेरणा और अच्छा बालसाहित्य पाने की है। इस चुनौती को दूर करने के लिए:

<p>बाल साहित्य की सरलता से उपलब्धता जिससे पठन के लिए प्रोत्साहन और रुचि पैदा हो। (B)</p>
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एक अच्छी वाचन (बोलना) गतिविधि वह है जिसमें:?

<p>शिक्षार्थी अधिक बातचीत करते हैं। (A)</p>
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Flashcards

मानसून पर क्या प्रभाव?

अल नीनो प्रभाव के कारण मानसून की कमजोरी

पानी का संकट?

संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव द्वारा जारी रिपोर्ट

भारत पर संकट?

गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, सिंधु का पानी कम होना

गंगा की लंबाई?

उत्तराखंड से बंगाल तक 2500 किमी

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गंगा किनारे आबादी?

लगभग चालीस करोड़

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गंगा का स्रोत?

गंगोत्री ग्लेशियर

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ग्लेशियर का पिघलना?

पौने दो किलोमीटर हिस्सा पिघलकर गायब होना

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संसार में सब कुछ?

अस्थायी

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पाप और पुण्य?

दोनों में बंधन है

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पुण्य का फल?

हम स्वीकार नहीं भी कर सकते

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द्वितीय भाषा?

श्रव्य भाषिक विधि द्वारा संवादों को दोहराना और अभ्यास करना

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दो भाषाओं को सुनना?

बच्चों को लाभ पहुँचाते हैं

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भाषा का प्रतिमान?

संरचनात्मक उपागम

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ध्यानपूर्वक पढ़ना?

गहन पठन (इंटेंसिव)

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बोलने की गतिविधि?

मौखिक प्रवाह अभ्यास

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संज्ञानात्मक विकास?

उस संस्कृति और समुदायों से घनिष्ठ रूप से संबंधित है जिनमें बच्चे रहते हैं

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प्राथमिक स्तर का भाषा कौशल?

समझ के साथ पठन

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समग्र भाषा उपागम?

ध्वनि-संकेत संबंध में निष्कर्ष निकालना

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चित्रों को क्रम में लगाना?

सारांशीकरण के लिए पठन का अभ्यास करवाना

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भाषा अधिगम प्रक्रिया?

मैं इस कथन से सहमत हूँ

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बुनियादी चरण में आकलन?

जो बच्चे के अधिगम अनुभव का सहज विस्तार बन सके

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शिक्षार्थी व्याकरण?

व्याकरण अनुवाद

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छोटे बच्चों की पुस्तकें

विविधता वाले शिक्षार्थियों तक पुस्तकें अधिक सुलभ बनाती है

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पठन सीखने की चुनौती?

बाल साहित्य की सरलता से उपलब्धता जिससे पठन के लिए प्रोत्साहन और रुचि पैदा हो।

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अच्छी वाचन गतिविधि?

शिक्षार्थी अधिक बातचीत करते हैं।

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Study Notes

ज़रूर, यहाँ आपके अध्ययन के लिए नोट्स दिए गए हैं:

भाषा-II: हिन्दी (गद्यांश विश्लेषण)

  • मौसम विज्ञानियों के अनुसार, अल नीनो प्रभाव के कारण मानसून कमजोर हो सकता है।
  • चैत (मार्च-अप्रैल) में बारिश होने पर सावन सूखा जा सकता है।
  • संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुतेरेज की रिपोर्ट के अनुसार, 2050 तक भारत में पानी का सबसे बड़ा संकट आने वाला है।
  • गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र और सिंधु नदियों का पानी धीरे-धीरे कम होता जाएगा।
  • 2500 किलोमीटर लंबी गंगा नदी उत्तराखंड से बंगाल तक कई राज्यों से गुजरती है।
  • गंगा नदी के किनारे बसे नगरों, कस्बों और गाँवों की लगभग 40 करोड़ आबादी की पानी की जरूरतें पूरी करती है।
  • गंगा नदी का स्रोत गंगोत्री ग्लेशियर है।
  • पर्यावरण विज्ञानियों के अनुसार, पिछले 87 साल में गंगोत्री ग्लेशियर का पौने दो किलोमीटर हिस्सा पिघलकर गायब हो चुका है।
  • जलवायु परिवर्तन के कारण पूरे हिमालय क्षेत्र के लिए स्थिति खतरनाक है।
  • हिमालय क्षेत्र में 9775 ग्लेशियर हैं, जिनमें से उत्तराखंड में 968 हैं।
  • गद्यांश के अनुसार, 2050 तक पानी का सबसे बड़ा संकट भारत में आने वाला है।
  • संयुक्त अरब अमीरात में ताजे पानी के हालात पर एक सम्मेलन हुआ।
  • अल नीनो का प्रभाव मानसून पर पड़ता है।
  • ग्लेशियरों के क्षेत्रफल में कमी आने के कारण भारत की नदियों में जल कम होता जा रहा है।
  • गंगा के किनारे बसे लोगों की आबादी लगभग 40 करोड़ है।
  • वाक्य "नदियों का पानी धीरे-धीरे कम होता जाएगा" में रेखांकित पद क्रिया विशेषण है।
  • "इस ग्लेशियर का पौने दो किलोमीटर हिस्सा पिघलकर गायब हो चुका है" वाक्य में रेखांकित पद परिमाणवाचक विशेषण है।
  • 'पर्यावरण' में उपसर्ग 'परि' और मूल शब्द 'आवरण' है।
  • गद्यांश में जल संकट की बात की गई है।

भाषा-II: हिन्दी (काव्यांश विश्लेषण)

  • इस संसार में सब कुछ अस्थायी है।
  • पाप और पुण्य दोनों इस संसार से संबंधित हैं, इसलिए वे भी अस्थायी हैं।
  • पुण्य सुख देकर और पाप दुख देकर अंत को प्राप्त होता है।
  • पुण्य का फल यदि हम नहीं चाहते तो उसे अस्वीकार कर सकते हैं।
  • पाप लोहे की जंजीर है, तो पुण्य सोने की। बंधन दोनों में है।
  • लोहे की जंजीर से छूटने का मन करता है, लेकिन सोने की जंजीर से बँधे हुए को बंधन प्यारा लगता है।
  • 'स्वतंत्र' का विलोम 'परतंत्र' है।
  • पाप और पुण्य दोनों की तुलना क्रमशः लोहे और स्वर्ण की जंजीर से की गई है।
  • इस संसार में कुछ भी स्थायी नहीं है।
  • गद्यांश के अनुसार, पाप और पुण्य दोनों में बंधन है।
  • पुण्य में उसके फल को हम स्वीकार नहीं भी कर सकते।

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