Podcast
Questions and Answers
वृत्त क्या है?
वृत्त क्या है?
वस्तुकों का आरम्भिक माध्यम
वृत्त के किसके दौरान कविश्रेणी के रूप में 'छिन्न' जाता है?
वृत्त के किसके दौरान कविश्रेणी के रूप में 'छिन्न' जाता है?
सफेद कर्ण
वृत्त के मेधा क्या है?
वृत्त के मेधा क्या है?
वृत्त का समावर्तन करने वाला अंतर
त्रिकोणमिति क्या है?
त्रिकोणमिति क्या है?
त्रिकोणमिति की प्रथम नियमित मान क्या है?
त्रिकोणमिति की प्रथम नियमित मान क्या है?
त्रिकोणमिति की द्वितीय नियमित मान क्या है?
त्रिकोणमिति की द्वितीय नियमित मान क्या है?
त्रिकोणमिति की तिसरी नियमित मान क्या है?
त्रिकोणमिति की तिसरी नियमित मान क्या है?
वृत्त के रकम के लिए कौन-कौन से संकेतिक वर्ण उपयोग में लाये जाते हैं?
वृत्त के रकम के लिए कौन-कौन से संकेतिक वर्ण उपयोग में लाये जाते हैं?
त्रिकोणमिति कितने प्रकार की होती है?
त्रिकोणमिति कितने प्रकार की होती है?
Flashcards are hidden until you start studying
Study Notes
गणित से शुरू होने वाले ड離शन: वृत्त और त्रिकोणमिति
गणित – पंजاबी, हिन्दी, ओर अनेक भाषाओं में व्यवहारी रूप से जनजानूकारी रचना की टिप्पणी करता है। इस लोकप्रिय विジग्ज़ के हृदय में एक उदाहरण होने वाला दो पदार्थ वृत्त और त्रिकोणमिति का इस लेख में श्रेणित किया गया है。
वृत्त
वृत्त एक वस्तुकों का आरम्भिक माध्यम है, जिसे गणित के लिए बढ़ते समय सौन्दर्य का रूप होता है। वृत्त सफेद कर्ण के दौरान कविश्रेणी के रूप में 'छिन्न' जाता है, जब वह एक कुल में सतह का संभावना बनती है।
वृत्त के इसके स्थिर रूप में बोधक को वृत्त के मेधा संख्या, तालिया और चण्ड्रबोध प्रदान किये गए हैं।
- मेधा (मध) - वृत्त के उस अंतर के जुदावा जो वृत्त का समावर्तन करता है
- मेधा को वृत्त के रकм (r) के लिए सMBOL लिखा जाता है (र=मेधा)
- तालिया - वृत्त के दो शरीरों के बीच वस्तु तालिया है
- तालिया को वृत्त के रकम (R) के लिए स्यम्बॉल लिखा जाता है (R = taliya)
- चण्ड्रबोध (क्षेत्र) - वृत्त के विश्वासित क्षेत्र
- चण्ड्रबोध को वृत्त के क्षेत्र (A) के लिए स्यम्बॉल लिखा जाता है (A=चण्ड्रबोध)
त्रिकोणमिति
त्रिकोणमिति वृत्त के ऐसे एक त्रिभुज का एक पद, जिसमें किसी बीच के ट्रिकोण का कान्ता समान है आता है।
कई त्रिकोणमितियों होते हैं, जो वृत्त के तीन ट्रिकोणों को निर्दिष्ट करते हैं। त्रिकोणमिति के लिए नियमित मान हैं :
- प्रथम ट्रिकोणमिति (I) = ऋजु गति के प्रमाण से वृत्त का मधा वाली घाटा
- द्वितीय ट्रिकोणमिति (II) = वृत्त के मध से फायर गति के प्रमाण से दूसरा ट्रिकोण का कान्ता
- तिसरा ट्रिकोणमिト (III) = प्रथम ट्रिकोणमिति + द्वितीय ट्रिকोणमिति
सभी त्रिकोणमितियाँ कोणां
Studying That Suits You
Use AI to generate personalized quizzes and flashcards to suit your learning preferences.