एकाकी रहने की अवधारणा
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एकाकी रहने की अवधारणा

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@ArdentHouston

Questions and Answers

श्रीकृष्ण का कौन सा विचार यह बताता है कि दुनिया से कोई आशा नहीं रखनी चाहिए?

  • आशा ही परमं दुःखं है। (correct)
  • सबसे बड़ी आशा राम की होनी चाहिए।
  • व्यर्थ आशा करना मूर्खता है। (correct)
  • दुनिया तुम्हें कुछ नहीं दे सकती। (correct)
  • परिग्रह का क्या अर्थ है?

  • वस्तुओं का संग्रह करना। (correct)
  • धन का संचय करना।
  • ध्यान लगाना।
  • आशा से मुक्त होना।
  • किस बात पर संतों ने जोर दिया है?

  • व्यक्ति से भोग लेना।
  • राम से आशा रखो। (correct)
  • धन और वस्तुओं की चाहना।
  • दुनिया से प्रेम करना।
  • श्रीकृष्ण का यह संदेश क्या है कि आशा को कैसे देखना चाहिए?

    <p>आशा को खत्म करना चाहिए।</p> Signup and view all the answers

    श्रीकृष्ण के अनुसार आशा का क्या असर होता है?

    <p>आशा से दिल टूटता है।</p> Signup and view all the answers

    किस प्रकार की वस्तुओं के प्रति हम अक्सर परिग्रह की भावना रखते हैं?

    <p>जड़ वस्तुएं और व्यक्ति।</p> Signup and view all the answers

    श्रीकृष्ण द्वारा दिया गया मुख्य संदेश क्या है?

    <p>दुनिया से कोई अपेक्षा मत रखो।</p> Signup and view all the answers

    किस बात का उल्लेख किया गया है कि हम अक्सर व्यक्तियों का उपयोग कैसे करते हैं?

    <p>उन्हें अपने सुख के लिए भोगते हैं।</p> Signup and view all the answers

    श्रीकृष्ण के अनुसार हमें किस प्रकार की आशा से मुक्त होना चाहिए?

    <p>दुनिया की आशा।</p> Signup and view all the answers

    योगी का क्या गुण है जब वह अकेले रहते हैं?

    <p>संग्रहरहित</p> Signup and view all the answers

    श्रीकृष्ण के अनुसार, आत्मा को परमात्मा में लगाने के लिए योगी को क्या करना चाहिए?

    <p>मन और इन्द्रियों को वश में रखना</p> Signup and view all the answers

    योगी को 'आशारहित' होने का क्या अर्थ है?

    <p>संसारिक वस्तुओं की आशा से दूर रहना</p> Signup and view all the answers

    क्या 'एकाकी रहना' केवल शारीरिक रूप से अकेले रहने से तात्पर्य है?

    <p>नहीं, यह मानसिक एकता भी है</p> Signup and view all the answers

    योगी का स्थिर रहना किन तत्वों पर निर्भर करता है?

    <p>मन और इन्द्रियों का नियंत्रण</p> Signup and view all the answers

    श्रीकृष्ण के उपदेश के अनुसार, ध्यान किस पर केंद्रित होना चाहिए?

    <p>आत्मा पर</p> Signup and view all the answers

    एकाकी रहने का उद्देश्य क्या है?

    <p>मन को स्थिर करना</p> Signup and view all the answers

    योगी के लिए निराशा और परिग्रहण से दूरी बनाने का क्या महत्व है?

    <p>आध्यात्मिक स्पष्टता प्राप्त करना</p> Signup and view all the answers

    क्या यह सही है कि योगी केवल शारीरिक स्थिति पर ध्यान केंद्रित करता है?

    <p>नहीं, यह मानसिक स्थिति पर भी ध्यान देता है</p> Signup and view all the answers

    योगी को अपने मन में किस प्रकार की विचारधारा रखनी चाहिए?

    <p>सकारात्मक और स्थिर</p> Signup and view all the answers

    एकाकी रहने का वास्तविक अर्थ क्या है?

    <p>मन का कृष्ण में स्थित रहना</p> Signup and view all the answers

    संसार में मन किससे संबंध स्थापित करता है?

    <p>वस्तुओं से और पशुओं से</p> Signup and view all the answers

    मन में किस तरह की भीड़ आना गड़बड़ी का संकेत है?

    <p>दूसरों के विचारों और चेहरों की भीड़</p> Signup and view all the answers

    कबीर साहब का कथन 'माया माया सब कहे' से क्या अभिप्राय है?

    <p>माया केवल भ्रम है</p> Signup and view all the answers

    एकाकी रहने के लिए मन को किसके साथ रहना चाहिए?

    <p>केवल कृष्ण के साथ</p> Signup and view all the answers

    मन के मोह का क्या स्वरूप हो सकता है जब कोई व्यक्ति पास न हो?

    <p>वस्तुओं या पशुओं से मोह</p> Signup and view all the answers

    मन में घूमने वाले आस-पास के लोग किस कारण से आते हैं?

    <p>उन्हें महत्व देने की अपेक्षा</p> Signup and view all the answers

    एकाकी नहीं रहने का क्या संकेत है?

    <p>संसार की आवाज़ों का ध्यान में आना</p> Signup and view all the answers

    शारीरिक रूप से अकेले रहने का क्या अर्थ है?

    <p>मन का भीड़ से मुक्ति नहीं होना</p> Signup and view all the answers

    मन में जो मोह होता है, वह किसके लिए होता है?

    <p>संसार के लिए</p> Signup and view all the answers

    संसार की भीड़ मन में कब प्रवेश करती है?

    <p>जब मन कृष्ण के साथ नहीं होता</p> Signup and view all the answers

    एकाकी रहने का मूल उद्देश्य क्या है?

    <p>कृष्ण के साथ मानसिक संबंध बनाना</p> Signup and view all the answers

    माया का अर्थ क्या होता है?

    <p>भ्रम और भ्रमजाल</p> Signup and view all the answers

    भोग और प्रेम के बीच क्या अंतर बताया गया है?

    <p>प्रेम केवल एक से हो सकता है</p> Signup and view all the answers

    कृष्ण को पाने का वास्तविक लक्ष्य क्या है?

    <p>कर्म करना</p> Signup and view all the answers

    बिस्तर और देह का उपयोग किस उद्देश्य से होता है?

    <p>सिर्फ भोग के लिए</p> Signup and view all the answers

    बन्धनों को पहचानने के लिए क्या आवश्यक है?

    <p>स्वयं की हालत के प्रति सचेत होना</p> Signup and view all the answers

    कृष्ण के आशीर्वाद का संकेत क्या है?

    <p>भ्रमजाल का टूटना</p> Signup and view all the answers

    क्या होता है जब भोगने की उम्मीद नहीं होती?

    <p>रिश्तों का ध्वंस</p> Signup and view all the answers

    कृष्ण को पहचानने का एक तरीका क्या है?

    <p>अपने लक्ष्य का मूल्यांकन करना</p> Signup and view all the answers

    प्रेम का अनुभव किस एक से होता है?

    <p>सच्चाई</p> Signup and view all the answers

    कर्म करना किसके लिए आवश्यक समझा गया है?

    <p>कृष्ण को पाने के लिए</p> Signup and view all the answers

    एक व्यक्ति अपने भोग को किस तरह समझता है?

    <p>वस्तुओं और व्यक्तियों के माध्यम से</p> Signup and view all the answers

    Study Notes

    एकाकी रहने की अवधारणा

    • एकाकी रहने का अर्थ केवल शारीरिक एकांत नहीं, बल्कि मन की एकाकीता है।
    • यदि मन अन्य व्यक्तियों या वस्तुओं से मोह बनाता है, तो एकता का अनुभव नहीं होता।
    • मन को केवल श्रीकृष्ण के साथ जोड़ना आवश्यक है, बाकी सब मायावी हैं।

    विश्व और आशा

    • दुनिया से उम्मीदें रखना दुःख का कारण बनता है।
    • आशा का परिग्रहण करना भी मन को अव्यवस्थित करता है।
    • 'दूजी आस न कोई' अर्थात केवल आध्यात्मिक आशा रखनी चाहिए, अन्य नहीं।

    आशा और परिग्रहण का संबंध

    • वस्त्र, वाहनों आदि की आकांक्षाएँ व्यक्तियों के लिए भी उसी तरह की होती हैं।
    • वस्तुओं के प्रति आस और प्रेम की अपेक्षा भोग का भाव बना रहता है।
    • भोग के लिए वस्त्र और व्यक्तियों में कोई अंतर नहीं है; दोनों से साधारण स्वार्थ जुड़ा होता है।

    योगी की स्थिति

    • योगी को मन और इन्द्रियों को वश में रखना चाहिए।
    • आशारहित और संग्रहरहित रहकर आत्मा को ध्यान में लगाने की आवश्यकता है।
    • शारीरिक रूप से अकेले रहना संभव नहीं, पर मन के स्तर पर एकाकी रहना महत्त्वपूर्ण है।

    श्रीकृष्ण का संदेश

    • श्रीकृष्ण का उपदेश है कि मन की केंद्रितता आत्मा में हो और सांसारिक वस्तुओं से दूर रहें।
    • मन की भीड़ से बचने वाले व्यक्ति को कृष्ण का मार्ग चुनना चाहिए।

    स्वच्छता की प्रक्रिया

    • वर्तमान बंधनों का सामना और उनकी पहचान करना आवश्यक है।
    • बंधनों को काटने की प्रक्रिया में ही कृष्ण की प्राप्ति छिपी है।
    • आत्मा की मुक्ति के लिए कर्म करना और कृष्ण से जुड़ना समान है।

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    Description

    यह प्रश्नोत्तरी एकाकी रहने की अवधारणा और श्रीकृष्ण के आध्यात्मिक संदेश पर केंद्रित है। इसमें मन की एकाकीता, आशा के प्रभाव और योगी की स्थिति के बारे में चर्चा की गई है। इस विषय पर गहराई से जानें और आत्मिक एकता की खोज करें।

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