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Questions and Answers
श्रीकृष्ण का कौन सा विचार यह बताता है कि दुनिया से कोई आशा नहीं रखनी चाहिए?
श्रीकृष्ण का कौन सा विचार यह बताता है कि दुनिया से कोई आशा नहीं रखनी चाहिए?
- आशा ही परमं दुःखं है। (correct)
- सबसे बड़ी आशा राम की होनी चाहिए।
- व्यर्थ आशा करना मूर्खता है। (correct)
- दुनिया तुम्हें कुछ नहीं दे सकती। (correct)
परिग्रह का क्या अर्थ है?
परिग्रह का क्या अर्थ है?
- वस्तुओं का संग्रह करना। (correct)
- धन का संचय करना।
- ध्यान लगाना।
- आशा से मुक्त होना।
किस बात पर संतों ने जोर दिया है?
किस बात पर संतों ने जोर दिया है?
- व्यक्ति से भोग लेना।
- राम से आशा रखो। (correct)
- धन और वस्तुओं की चाहना।
- दुनिया से प्रेम करना।
श्रीकृष्ण का यह संदेश क्या है कि आशा को कैसे देखना चाहिए?
श्रीकृष्ण का यह संदेश क्या है कि आशा को कैसे देखना चाहिए?
श्रीकृष्ण के अनुसार आशा का क्या असर होता है?
श्रीकृष्ण के अनुसार आशा का क्या असर होता है?
किस प्रकार की वस्तुओं के प्रति हम अक्सर परिग्रह की भावना रखते हैं?
किस प्रकार की वस्तुओं के प्रति हम अक्सर परिग्रह की भावना रखते हैं?
श्रीकृष्ण द्वारा दिया गया मुख्य संदेश क्या है?
श्रीकृष्ण द्वारा दिया गया मुख्य संदेश क्या है?
किस बात का उल्लेख किया गया है कि हम अक्सर व्यक्तियों का उपयोग कैसे करते हैं?
किस बात का उल्लेख किया गया है कि हम अक्सर व्यक्तियों का उपयोग कैसे करते हैं?
श्रीकृष्ण के अनुसार हमें किस प्रकार की आशा से मुक्त होना चाहिए?
श्रीकृष्ण के अनुसार हमें किस प्रकार की आशा से मुक्त होना चाहिए?
योगी का क्या गुण है जब वह अकेले रहते हैं?
योगी का क्या गुण है जब वह अकेले रहते हैं?
श्रीकृष्ण के अनुसार, आत्मा को परमात्मा में लगाने के लिए योगी को क्या करना चाहिए?
श्रीकृष्ण के अनुसार, आत्मा को परमात्मा में लगाने के लिए योगी को क्या करना चाहिए?
योगी को 'आशारहित' होने का क्या अर्थ है?
योगी को 'आशारहित' होने का क्या अर्थ है?
क्या 'एकाकी रहना' केवल शारीरिक रूप से अकेले रहने से तात्पर्य है?
क्या 'एकाकी रहना' केवल शारीरिक रूप से अकेले रहने से तात्पर्य है?
योगी का स्थिर रहना किन तत्वों पर निर्भर करता है?
योगी का स्थिर रहना किन तत्वों पर निर्भर करता है?
श्रीकृष्ण के उपदेश के अनुसार, ध्यान किस पर केंद्रित होना चाहिए?
श्रीकृष्ण के उपदेश के अनुसार, ध्यान किस पर केंद्रित होना चाहिए?
एकाकी रहने का उद्देश्य क्या है?
एकाकी रहने का उद्देश्य क्या है?
योगी के लिए निराशा और परिग्रहण से दूरी बनाने का क्या महत्व है?
योगी के लिए निराशा और परिग्रहण से दूरी बनाने का क्या महत्व है?
क्या यह सही है कि योगी केवल शारीरिक स्थिति पर ध्यान केंद्रित करता है?
क्या यह सही है कि योगी केवल शारीरिक स्थिति पर ध्यान केंद्रित करता है?
योगी को अपने मन में किस प्रकार की विचारधारा रखनी चाहिए?
योगी को अपने मन में किस प्रकार की विचारधारा रखनी चाहिए?
एकाकी रहने का वास्तविक अर्थ क्या है?
एकाकी रहने का वास्तविक अर्थ क्या है?
संसार में मन किससे संबंध स्थापित करता है?
संसार में मन किससे संबंध स्थापित करता है?
मन में किस तरह की भीड़ आना गड़बड़ी का संकेत है?
मन में किस तरह की भीड़ आना गड़बड़ी का संकेत है?
कबीर साहब का कथन 'माया माया सब कहे' से क्या अभिप्राय है?
कबीर साहब का कथन 'माया माया सब कहे' से क्या अभिप्राय है?
एकाकी रहने के लिए मन को किसके साथ रहना चाहिए?
एकाकी रहने के लिए मन को किसके साथ रहना चाहिए?
मन के मोह का क्या स्वरूप हो सकता है जब कोई व्यक्ति पास न हो?
मन के मोह का क्या स्वरूप हो सकता है जब कोई व्यक्ति पास न हो?
मन में घूमने वाले आस-पास के लोग किस कारण से आते हैं?
मन में घूमने वाले आस-पास के लोग किस कारण से आते हैं?
एकाकी नहीं रहने का क्या संकेत है?
एकाकी नहीं रहने का क्या संकेत है?
शारीरिक रूप से अकेले रहने का क्या अर्थ है?
शारीरिक रूप से अकेले रहने का क्या अर्थ है?
मन में जो मोह होता है, वह किसके लिए होता है?
मन में जो मोह होता है, वह किसके लिए होता है?
संसार की भीड़ मन में कब प्रवेश करती है?
संसार की भीड़ मन में कब प्रवेश करती है?
एकाकी रहने का मूल उद्देश्य क्या है?
एकाकी रहने का मूल उद्देश्य क्या है?
माया का अर्थ क्या होता है?
माया का अर्थ क्या होता है?
भोग और प्रेम के बीच क्या अंतर बताया गया है?
भोग और प्रेम के बीच क्या अंतर बताया गया है?
कृष्ण को पाने का वास्तविक लक्ष्य क्या है?
कृष्ण को पाने का वास्तविक लक्ष्य क्या है?
बिस्तर और देह का उपयोग किस उद्देश्य से होता है?
बिस्तर और देह का उपयोग किस उद्देश्य से होता है?
बन्धनों को पहचानने के लिए क्या आवश्यक है?
बन्धनों को पहचानने के लिए क्या आवश्यक है?
कृष्ण के आशीर्वाद का संकेत क्या है?
कृष्ण के आशीर्वाद का संकेत क्या है?
क्या होता है जब भोगने की उम्मीद नहीं होती?
क्या होता है जब भोगने की उम्मीद नहीं होती?
कृष्ण को पहचानने का एक तरीका क्या है?
कृष्ण को पहचानने का एक तरीका क्या है?
प्रेम का अनुभव किस एक से होता है?
प्रेम का अनुभव किस एक से होता है?
कर्म करना किसके लिए आवश्यक समझा गया है?
कर्म करना किसके लिए आवश्यक समझा गया है?
एक व्यक्ति अपने भोग को किस तरह समझता है?
एक व्यक्ति अपने भोग को किस तरह समझता है?
Study Notes
एकाकी रहने की अवधारणा
- एकाकी रहने का अर्थ केवल शारीरिक एकांत नहीं, बल्कि मन की एकाकीता है।
- यदि मन अन्य व्यक्तियों या वस्तुओं से मोह बनाता है, तो एकता का अनुभव नहीं होता।
- मन को केवल श्रीकृष्ण के साथ जोड़ना आवश्यक है, बाकी सब मायावी हैं।
विश्व और आशा
- दुनिया से उम्मीदें रखना दुःख का कारण बनता है।
- आशा का परिग्रहण करना भी मन को अव्यवस्थित करता है।
- 'दूजी आस न कोई' अर्थात केवल आध्यात्मिक आशा रखनी चाहिए, अन्य नहीं।
आशा और परिग्रहण का संबंध
- वस्त्र, वाहनों आदि की आकांक्षाएँ व्यक्तियों के लिए भी उसी तरह की होती हैं।
- वस्तुओं के प्रति आस और प्रेम की अपेक्षा भोग का भाव बना रहता है।
- भोग के लिए वस्त्र और व्यक्तियों में कोई अंतर नहीं है; दोनों से साधारण स्वार्थ जुड़ा होता है।
योगी की स्थिति
- योगी को मन और इन्द्रियों को वश में रखना चाहिए।
- आशारहित और संग्रहरहित रहकर आत्मा को ध्यान में लगाने की आवश्यकता है।
- शारीरिक रूप से अकेले रहना संभव नहीं, पर मन के स्तर पर एकाकी रहना महत्त्वपूर्ण है।
श्रीकृष्ण का संदेश
- श्रीकृष्ण का उपदेश है कि मन की केंद्रितता आत्मा में हो और सांसारिक वस्तुओं से दूर रहें।
- मन की भीड़ से बचने वाले व्यक्ति को कृष्ण का मार्ग चुनना चाहिए।
स्वच्छता की प्रक्रिया
- वर्तमान बंधनों का सामना और उनकी पहचान करना आवश्यक है।
- बंधनों को काटने की प्रक्रिया में ही कृष्ण की प्राप्ति छिपी है।
- आत्मा की मुक्ति के लिए कर्म करना और कृष्ण से जुड़ना समान है।
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Description
यह प्रश्नोत्तरी एकाकी रहने की अवधारणा और श्रीकृष्ण के आध्यात्मिक संदेश पर केंद्रित है। इसमें मन की एकाकीता, आशा के प्रभाव और योगी की स्थिति के बारे में चर्चा की गई है। इस विषय पर गहराई से जानें और आत्मिक एकता की खोज करें।