डीप सी क्रिचर्स का बाहर आना

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Questions and Answers

ओरफिश को जापानी लोककथाओं में किसका संकेत माना जाता है, और 2011 में जापान में आए भूकंप के संदर्भ में इसका क्या महत्व है?

ओरफिश का दिखना भूकंप का संकेत माना जाता है। 2011 में जापान में आए भूकंप से पहले भी ओरफिश दिखाई दी थी, जिससे इस लोककथा को बल मिला।

डीप स्कैटरिंग लेयर (डीएसएल) क्या है, और यह समुद्री जीवों के संदर्भ में क्यों महत्वपूर्ण है?

डीप स्कैटरिंग लेयर (डीएसएल) समुद्र का वह हिस्सा है जो साउंड को रिफ्लेक्ट करता है क्योंकि यहाँ बड़ी संख्या में समुद्री जीव मौजूद हैं। यह जीवों की माइग्रेशन के लिए महत्वपूर्ण है।

डीप सी क्रिचर्स के सतह पर आने के मुख्य कारणों में से क्लाइमेट चेंज किस प्रकार योगदान देता है? दो कारण बताइये।

क्लाइमेट चेंज के कारण समुद्र का पानी गर्म हो रहा है और डीप सी में ऑक्सीजन की कमी हो रही है। इसलिए डीप सी क्रिचर्स ज्यादा ऑक्सीजन की तलाश में ऊपर आ रहे हैं।

बैरल आई फिश की दो अनोखी विशेषताएं बताइए, जो इसे मिडनाइट ज़ोन में जीवित रहने में मदद करती हैं।

<p>बैरल आई फिश का सर ट्रांसपेरेंट होता है और उसकी आँखें ऊपर की ओर देखती हैं, जो इसे मिडनाइट ज़ोन में जीवित रहने में मदद करती हैं।</p> Signup and view all the answers

डीप सी माइनिंग से केली फुट स्नेल के अस्तित्व को कैसे खतरा हो सकता है, जबकि वह लोहे के पैर वाला जीव है?

<p>केली फुट स्नेल हाइड्रोथर्मल वेंट्स के पास रहता है, लेकिन माइनिंग कंपनियां यहाँ सोने और चांदी की माइनिंग करना चाहती हैं, जिससे उसके आवास को नुकसान पहुंच सकता है。</p> Signup and view all the answers

डीप सी में पाई जाने वाली दो मछलियों का उल्लेख करें जो अपने अंधेरे वातावरण में शिकार को आकर्षित करने के लिए बायोल्यूमिनिसेंस का उपयोग करती हैं।

<p>डीप सी एंगलर फिश और ब्लडी बेली कोम्ब जेली बायोल्यूमिनिसेंस का उपयोग करती हैं।</p> Signup and view all the answers

एबसल ज़ोन और हेड्ल ज़ोन में क्या अंतर है? गहराई के संदर्भ में बताइये।

<p>एबसल ज़ोन 4000 मीटर से 6000 मीटर की गहराई पर स्थित है, जबकि हेड्ल ज़ोन 6000 से 11000 मीटर की गहराई तक फैला हुआ है।</p> Signup and view all the answers

डीप वर्टिकल माइग्रेशन (डीवीएम) क्या है, और इसके होने का प्राथमिक कारण क्या है?

<p>डीप वर्टिकल माइग्रेशन (डीवीएम) वह प्रक्रिया है जिसमें हर रात करोड़ों जीव समुद्र की सतह तक आते हैं और फिर वापस गहराइयों में चले जाते हैं। यह खाने की खोज में होता है क्योंकि फोटोसिंथेसिस सिर्फ़ सरफेस की लेयर्स पर होता है।</p> Signup and view all the answers

सनलाइट ज़ोन में समुद्री जीवन इतना रंगीन और विविध क्यों होता है?

<p>सनलाइट ज़ोन में सूरज की रोशनी पहुँचती है, जिससे यहाँ फोटोसिंथेसिस संभव है और समुद्री जीवन रंगीन और विविध होता है।</p> Signup and view all the answers

डीप सी में कार्बन को स्टोर करने की क्षमता कम होने से क्या प्रभाव हो सकता है?

<p>डीप सी में कार्बन को स्टोर करने की क्षमता कम होने से क्लाइमेट चेंज की वजह से ओसस की कार्बन डाइऑक्साइड को अब्जॉर्ब करने की कैपेसिटी खत्म हो रही है।</p> Signup and view all the answers

Flashcards

डीप सी क्रिचर्स का ऊपर आना

गहरे समुद्र में रहने वाले जीवों का सतह पर अधिक दिखना, जैसे ओरफिश का ज़्यादा दिखना।

ओरफिश का दिखना

जापानी लोककथाओं में, यह मछली भूकंप का संकेत मानी जाती है।

सनलाइट ज़ोन

समुद्र की सबसे ऊपरी परत जहाँ सूरज की रोशनी पहुँचती है, फोटोसिंथेसिस संभव है।

ट्वाइलाइट ज़ोन

200 मीटर की गहराई से शुरू, जहाँ सूरज की रोशनी कम होती है, कुछ रंग गायब हो जाते हैं।

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मिडनाइट ज़ोन

1000 मीटर से नीचे जहां कोई रोशनी नहीं पहुँचती, जीव खुद रोशनी बनाते हैं।

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एबसल ज़ोन

4000 मीटर की गहराई पर शुरू, टाइटैनिक का मलबा यहाँ है, डंबो ऑक्टोपस रहते हैं।

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हेडल ज़ोन

समुद्र का सबसे गहरा हिस्सा, 6000 से 11000 मीटर की गहराई तक।

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डीप स्कैटरिंग लेयर (डीएसएल)

समुद्र का वह हिस्सा जहाँ जीवों की संख्या बहुत ज़्यादा होने से साउंड रिफ्लेक्ट होता है।

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डीएल वर्टिकल माइग्रेशन (डीवीएम)

हर रात करोड़ों जीवों का समुद्र की सतह तक आना और वापस जाना।

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डीप सी माइनिंग

समुद्र के फ्लोर को नुकसान पहुँचाना।

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Study Notes

डीप सी क्रिचर्स का अचानक बाहर आना

  • गहरे समुद्र में रहने वाले जीवों (डीप सी क्रिचर्स) का हाल ही में सतह पर अधिक दिखाई देना एक असाधारण घटना है.
  • कुछ साल पहले तक ओरफिश का दिखना दुर्लभ था, पर अब कई जगहों पर इनकी डेड बॉडीज मिल रही हैं।

ओरफिश

  • जापानी लोककथाओं में ओरफिश का दिखना भूकंप का संकेत माना जाता है, खासकर 2011 में जापान में आए भूकंप से पहले ऐसा हुआ था।
  • ओरफिश आमतौर पर समुद्र की गहराइयों में लगभग 1 किमी नीचे पाई जाती है।
  • 2023 में एक मछुआरे ने जापान में 6 मीटर लंबी ओरफिश पकड़ी जिसे उसने वापस समुद्र में छोड़ दिया।
  • 2023 में एक मछुआरे ने एक ही बार में लगभग 50 ओरफिश पकड़ीं।
  • 2024 में कैलिफोर्निया में तीन बार ओरफिश दिखाई दीं, और फरवरी 2025 में मेक्सिको में एक जिंदा ओरफिश देखी गई।
  • साल 2001 में पहली बार एक जिंदा ओरफिश की फिल्मिंग की गई थी।

अन्य डीप सी क्रिचर्स

  • विशाल फैंटम जेलीफ़िश, जिनके टेंटकल रिबन जैसे 10 मीटर से भी ज़्यादा लंबे होते हैं, आमतौर पर समुद्र के अंदर 1 से 2 किमी की गहराई पर मिलते हैं, लेकिन अंटार्कटिका में इन्हें 80 मीटर की गहराई पर देखा गया था।
  • रूस में मछुआरों ने स्मूथ लम फिश नामक एक जीव पकड़ा, जिसका शरीर मस्तिष्क जैसा दिखता था।
  • स्पेन के तट पर ब्लैक सी डेविल एंगलर मछली समुद्र की सतह के पास देखी गई, जबकि यह भी एक डीप सी क्रिएचर है.

समुद्र की गहराई

  • पृथ्वी का लगभग 71% भाग पानी से ढका है, जिसे पाँच मुख्य महासागरों में बाँटा गया है: प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर, हिंद महासागर, आर्कटिक महासागर और दक्षिणी महासागर।
  • दुनिया की 94% वन्यजीव इन्हीं महासागरों में पाई जाती है।
  • इंसानों ने अभी तक सिर्फ़ 5% समुद्र को ही एक्सप्लोर किया है, जबकि 95% हिस्सा अभी भी अनजान है।
  • हमारे पास मंगल ग्रह के ज़्यादा बेहतर मैप्स हैं, जबकि समुद्र तल का कम ज्ञान है।
  • चाँद पर 12 एस्ट्रोनॉट्स कुल 300 घंटे बिता चुके हैं, जबकि केवल तीन लोग 3 घंटे के लिए महासागर के सबसे गहरे बिंदु चैलेंजर डीप में जा पाए हैं।

समुद्र की परतें

  • सनलाइट ज़ोन समुद्र की सबसे ऊपरी परत है जहाँ तक सूरज की रोशनी पहुँचती है।
  • इस क्षेत्र में समुद्री जीवन सबसे रंगीन और विविध होता है, और यहाँ फोटोसिंथेसिस संभव है।
  • ट्वाइलाइट ज़ोन 200 मीटर की गहराई पर शुरू होता है, जहाँ सूरज की रोशनी कम होने लगती है।
  • रेड रंग सबसे पहले दिखना बंद होता है, उसके बाद ऑरेंज, येलो और ग्रीन, और आखिर में ब्लू और वायलेट।
  • इस क्षेत्र में अजीबोगरीब जानवर मिलने शुरू हो जाते हैं, जैसे स्ट्रॉबेरी स्क्विड और ब्लडी बेली कोम्ब जेली।
  • मिडनाइट ज़ोन में 1000 मीटर से नीचे कोई रोशनी नहीं पहुँच पाती।
  • यहाँ बायोल्यूमिनिसेंस के ज़रिए जानवर खुद की रोशनी बनाने लगते हैं।
  • बैरल आई फिश का सर ट्रांसपेरेंट होता है और इसकी आँखें ऊपर की ओर देखती हैं।
  • विशाल स्क्विड 13 मीटर लंबे होते हैं और इनकी आँखें बास्केटबॉल जितनी बड़ी होती हैं।
  • डीप सी एंगलर फिशेज अंधेरे पानी में शिकार को आकर्षित करने के लिए अपने सिर पर चमकदार बल्ब का इस्तेमाल करती हैं।
  • एबसल ज़ोन 4000 मीटर की गहराई पर शुरू होती है और 6000 मीटर तक चलती है।
  • टाइटैनिक जहाज़ का मलबा लगभग 3810 मीटर की गहराई पर मौजूद है।
  • डंबो ऑक्टोपस इसी क्षेत्र में रहते हैं और डीप सी के सबसे क्यूट दिखने वाले जानवर हैं।
  • हेडल ज़ोन समुद्र का सबसे गहरा हिस्सा है, जो 6000 से 11000 मीटर की गहराई तक फैला हुआ है।

डीप सी क्रिचर्स के ऊपर आने के कारण

  • डीप स्कैटरिंग लेयर (डीएसएल) समुद्र का वह हिस्सा है जो साउंड को रिफ्लेक्ट करता है क्योंकि यहाँ बहुत अधिक संख्या में समुद्री जीव मौजूद हैं।
  • हर रात करोड़ों जीव समुद्र की सतह तक आते हैं और फिर वापस गहराइयों में चले जाते हैं, जिसे धरती की सबसे बड़ी माइग्रेशन कहा जाता है।
  • इस ऊपर-नीचे की माइग्रेशन को डीएल वर्टिकल माइग्रेशन (डीवीएम) कहा जाता है, और यह हर रात होती है।
  • डीप सी क्रिचर्स खाने के लिए ऊपर आते हैं क्योंकि फोटोसिंथेसिस सिर्फ़ सरफेस की लेयर्स पर होता है।
  • क्लाइमेट चेंज की वजह से यह माइग्रेशन डेली होने की जगह परमानेंट होती जा रही है।
  • गहरे समुद्र के जीव ठंडी जगहों की खोज में पोल्स की तरफ ऊपर जा रहे हैं।
  • समुद्र 90% हीट को एब्जॉर्ब कर रहा है, जिससे पानी गर्म होता जा रहा है और डीप सी में ऑक्सीजन की कमी हो रही है।
  • डीप सी क्रिचर्स ज्यादा ऑक्सीजन की तलाश में ऊपर आ रहे हैं, लेकिन ये सरफेस वाटर में रहने के लिए अनुकूलित नहीं हैं।

खतरे

  • इस शताब्दी के अंत तक एबसल ज़ोन का तापमान 1 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाएगा।
  • गहरे समुद्र के जीव सरफेस के जीवों के मुकाबले चार से 11 गुना तेजी से माइग्रेट करेंगे।
  • डीप सी बहुत बड़े अमाउंट में कार्बन स्टोर करता है, लेकिन क्लाइमेट चेंज की वजह से ओसस की कार्बन डाइऑक्साइड को अब्जॉर्ब करने की कैपेसिटी खत्म हो रही है।

डीप सी माइनिंग

  • डीप सी माइनिंग एक और बड़ा खतरा है, जिससे समुद्र के फ्लोर को नुकसान पहुँच सकता है।
  • केली फुट स्नेल, जिसके पैर लोहे के बने हैं, हाइड्रोथर्मल वेंट्स के पास रहता है, लेकिन माइनिंग कंपनीज़ यहाँ सोने और चांदी की माइनिंग करना चाहती हैं।
  • मोदी सरकार केरला के पास डीप सी माइनिंग की प्लानिंग कर रही है, जिसका वहाँ के लोग विरोध कर रहे हैं।
  • यूनाइटेड नेशंस की इंटरनेशनल सीबेड अथॉरिटी के पास डीप सी माइनिंग की परमिशन देने की ताकत है, लेकिन इस पर परमिशन देने का प्रेशर बनाया जा रहा है।
  • ग्रीनपीस ने एक पेटीशन बनाई है दुनिया की सभी सरकारों पर डीप सी माइनिंग को रोकने के लिए प्रेशर डालने के लिए, जिस पर 30 लाख से ज़्यादा लोग साइन कर चुके हैं।

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