Podcast
Questions and Answers
बालकृष्ण भट्ट का जन्म वर्ष क्या है?
बालकृष्ण भट्ट का जन्म वर्ष क्या है?
- 1865 ई.
- 1850 ई.
- 1844 ई. (correct)
- 1900 ई.
भट्टजी द्वारा सम्पादित पत्र का नाम क्या था?
भट्टजी द्वारा सम्पादित पत्र का नाम क्या था?
- हिन्दी-स्रोत
- हिन्दी-दीप
- हिन्दी-रश्मि
- हिन्दी-प्रदीप (correct)
बालकृष्ण भट्ट ने किस विषय पर निबन्ध लिखे हैं?
बालकृष्ण भट्ट ने किस विषय पर निबन्ध लिखे हैं?
- राजनीति
- साधारण विषय (correct)
- धर्म
- मनोरंजन
भट्टजी के निबन्धों की भाषा का मुख्य विशेषता क्या है?
भट्टजी के निबन्धों की भाषा का मुख्य विशेषता क्या है?
मन की दृढ़ता का क्या महत्व है?
मन की दृढ़ता का क्या महत्व है?
भट्टजी के कौन से संग्रह में 'साहित्य-सुमन' शामिल है?
भट्टजी के कौन से संग्रह में 'साहित्य-सुमन' शामिल है?
भट्टजी ने किस प्रकार की सामग्री पर निबन्ध लिखे?
भट्टजी ने किस प्रकार की सामग्री पर निबन्ध लिखे?
भट्टजी की भाषा में किसका प्रयोग देखा जाता है?
भट्टजी की भाषा में किसका प्रयोग देखा जाता है?
भट्टजी के समकालीन साहित्यकार कौन थे?
भट्टजी के समकालीन साहित्यकार कौन थे?
भट्टजी की रचनाओं में किस तरह के हास्य का अनुभव होता है?
भट्टजी की रचनाओं में किस तरह के हास्य का अनुभव होता है?
Study Notes
बालकृष्ण भट्ट
- बालकृष्ण भट्ट, भारतेन्दु युग के प्रमुख साहित्यकार थे, जिनका जन्म 1844 ईस्वी में हुआ था।
- इनका देहावसान 1914 ईस्वी में हुआ।
- भट्टजी संस्कृत और हिंदी के जानकार थे।
- उन्होंने अंग्रेजी और उर्दू का भी अच्छा ज्ञान प्राप्त किया।
- भट्टजी ने अपना जीवन हिंदी और संस्कृत के अध्यापक के रूप में शुरू किया।
- वे राष्ट्रीय जागरण के अगुवा और हिंदी साहित्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देते थे।
- उन्होंने “हिंदी-प्रदीप” नामक पत्रिका का संपादन किया।
भट्टजी के निबन्ध
- भट्टजी ने साधारण और गंभीर दोनों प्रकार के विषयों पर निबंध लिखे।
- उनके कुछ प्रसिद्ध निबंधों में "आँख", "कान", "बातचीत" शामिल हैं।
- उनके साहित्यिक निबंध संग्रहों में “चरित्र-पालन”, “साहित्य-सुमन” और “भट्ट-निबन्धावली” (दो भाग) शामिल हैं।
- उनकी भाषा व्यवस्थित और परिष्कृत है।
- भट्टजी की भाषा में गंभीर हास्य और मुहावरों का प्रयोग किया गया है।
- उन्होंने अपने निबंधों में अंग्रेजी शब्दों के साथ-साथ संस्कृत श्लोकों का भी प्रयोग किया है।
- उनके निबंधों में स्थानीय शब्दों का भी प्रयोग हुआ है।
“मन की दृढ़ता”
- इस निबंध में बालकृष्ण भट्ट ने मन की दृढ़ता के महत्व पर प्रकाश डाला है।
- उन्होंने कहा है कि जीवन में सफलता पाने के लिए परिश्रम और अभ्यास आवश्यक है।
- लेकिन मन की दृढ़ता बिना सफलता संदिग्ध रहती है।
- भट्टजी बताते हैं कि मन की दृढ़ता हठ नहीं, बल्कि एक ऐसा गुण है जो दूसरों को भी प्रभावित करता है।
- यह गुण हमें सफलता भी दिलाता है।
Studying That Suits You
Use AI to generate personalized quizzes and flashcards to suit your learning preferences.
Description
इस प्रश्नोत्तरी में बालकृष्ण भट्ट की जीवनी और उनके निबंधों के बारे में प्रश्न शामिल हैं। आप उनके साहित्यिक योगदान और भाषा शैली के बारे में भी जानेंगे। यह क्विज़ भट्टजी के कार्यों को समझने में मदद करेगा।