भौतिक विज्ञान - कक्षा 12 - प्रतिदर्श प्रश्नपत्र 2024-25
31 Questions
0 Views

Choose a study mode

Play Quiz
Study Flashcards
Spaced Repetition
Chat to lesson

Podcast

Play an AI-generated podcast conversation about this lesson

Questions and Answers

विद्युत फ्लक्स का मात्रक है

  • न्यूटन / कूलाम
  • वोल्ट x मीटर
  • वोल्ट / मीटर
  • न्यूटन-मीटर/ कूलाम (correct)
  • चुम्बकीय क्षेत्र B में वेग से गतिमान आवेश के कण पर लगने वाला बल F है

  • q \(\overrightarrow{u} \times \overrightarrow{B}\) (correct)
  • \(\overrightarrow{u} \cdot q \overrightarrow{B}\)
  • q \(\overrightarrow{u} \cdot \overrightarrow{B}\)
  • \(\overrightarrow{u} \times \overrightarrow{B}\)
  • यदि (\overrightarrow{E}) तथा (\overrightarrow{B}) वैद्युत-चुम्बकीय तरंग के क्रमशः वैद्युत सदिश तथा चुम्बकीय सदिश हों तब वैद्युत-चुम्बकीय तरंग के संचरण की दिशा अनुदिश होती है-

  • \(\overrightarrow{E} \times \overrightarrow{B}\) (correct)
  • \(\overrightarrow{E}\)
  • \(\overrightarrow{E} \cdot \overrightarrow{B}\)
  • \(\overrightarrow{B}\)
  • 4 डायोप्टर और -2 डायोप्टर क्षमता के दो लेन्स सम्पर्क में रखे हैं। संयुक्त लेन्स की फोकस दूरी होगी-

    <p>25 सेमी०</p> Signup and view all the answers

    एक धातु के पृष्ठ पर 6 ev ऊर्जा के फोटॉन आपतित होते हैं। तब उत्सर्जित फोटोइलेक्ट्रॉन की अधिकतम ऊर्जा 4 ev होती है। निरोधी विभव होना चाहिए

    <p>2 ev</p> Signup and view all the answers

    P- प्रकार का अर्द्धचालक बनानें के लिए शुद्ध जर्मेनियम में मिलाया जानें वाला अपद्रव्य होता है–

    <p>ऐण्टीमनी</p> Signup and view all the answers

    विशिष्ट चालकता के लिए सूत्र एवं मात्रक लिखिए।

    <p>विशिष्ट चालकता (σ) = 1/ρ, जहाँ ρ प्रतिरोधकता है। इसका मात्रक ओम-मीटर होता है।</p> Signup and view all the answers

    दो सीधे समान्तर अनन्त लम्बाई के धारावाही चालकों के प्रति एकांक लम्बाई पर लगने वाले बल का व्यंजक लिखिए।

    <p>बल का व्यंजक F/l = μ0I1I2/2πd होता है, जहाँ μ0 चुंबकशीलता है, I1 तथा I2 धाराएँ हैं और d दोनों चालकों के बीच की दूरी है।</p> Signup and view all the answers

    10 ओम प्रतिरोध तथा 10 हेनरी प्रेरकत्व की एक कुण्डली 50 वोल्ट बैटरी से जोड़ी गयी है। कुण्डली में संचित ऊर्जा का मान बताएँ।

    <p>कुण्डली में संचित ऊर्जा U = 1/2LI² = 1/2 x 10 x (50/10)² = 125 जूल होती है।</p> Signup and view all the answers

    क्रान्तिक कोंण की परिभाषा लिखिए।

    <p>क्रान्तिक कोण वह आपतन कोण है जिस पर प्रकाश किरण सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करते समय अपवर्तन कोण 90° का होता है।</p> Signup and view all the answers

    हाइड्रोजन के प्रथम बोर कक्ष की त्रिज्या 0.53 Å है. तृतीय बोर कक्ष की त्रिज्या ज्ञात कीजिए।

    <p>हाइड्रोजन परमाणु के बोर कक्ष की त्रिज्या r = n² * a0 होती है, जहाँ a0 बोर त्रिज्या (0.53 Å) है और n कोश का प्रधान क्वांटम संख्या है। तृतीय बोर कक्ष (n = 3) के लिए r = 3² x 0.53 = 4.77 Å होती है।</p> Signup and view all the answers

    इलेक्ट्रान-सूक्ष्मदर्शी में त्वरक के विभव का मान ज्ञात कीजिए, जबकि इलेक्ट्रॉन का तरंगद्वैर्य 1 Å है।

    <p>दे ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य λ की गणना λ = h/p = h/√2meV से की जा सकती है, जहाँ h प्लांक नियतांक है, p गतिमान इलेक्ट्रॉन का संवेग है, m इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान है और V त्वरक का विभव है। इस प्रकार V = h²/2meλ² = (6.63 x 10⁻³⁴)² / (2 x 9.1 x 10⁻³¹ x 1.6 x 10⁻¹⁹ x (10⁻¹⁰)²) = 150.4 वोल्ट होती है।</p> Signup and view all the answers

    6 ओम के मोटे तार को खींचकर इसकी लम्बाई दोगुनी कर दी जाती है। तार के नये प्रतिरोध की गणना कीजिए।

    <p>तार का आयतन स्थिर रहता है, अर्थात V1 = V2. तार के पार तार के क्षेत्रफल की गणना A = V/l से की जा सकती है। तार को खींचकर लम्बाई दोगुनी होने पर क्षेत्रफल आधा हो जाएगा, अर्थात A2 = A1/2. प्रतिरोध R की गणना R = ρl/A , जहाँ ρ प्रतिरोधकता है से की जा सकती है। इसलिए तार का प्रतिरोध चार गुना हो जाएगा। R2 = 4R1 = 4 x 6 = 24 ओम</p> Signup and view all the answers

    किसी प्रिज्म से अल्पतम-विचलन कोण 30° है। प्रिज्म के प्रथम अपवर्तक पृष्ठ पर अपवर्तन कोंण 30° है। प्रिज्म के पदार्थ का अपवर्तनांक ज्ञात कीजिए।

    <p>अल्पतम विचलन कोण δm के लिए μ = sin{(A + δm)/2} / sin(A/2), जहाँ A प्रिज्म का कोण है। μ = sin(30 + 30)/2 / sin(30/2) = sin(30) / sin(15) =0.5 / 0.2588 = 1.93 होता है।</p> Signup and view all the answers

    परमाणु द्रव्यमान मात्रक (a.m.u.) की परिभाषा दीजिए। इसका मान किलोग्राम तथा Mev में व्यक्त कीजिए।

    <p>परमाणु द्रव्यमान मात्रक (a.m.u.) कार्बन के समस्थानिक (C-12) परमाणु के द्रव्यमान का 1/12वाँ भाग है। 1 a.m.u. = 1.6605 x 10⁻²⁷ किलोग्राम होता है, 1 a.m.u. = 931.5 MeV होता है।</p> Signup and view all the answers

    संलग्न चित्र में प्रदर्शित अमीटर 4₁ तथा A₂ से मापी गई वैद्युत धाराएँ क्या हैं? यदि उनके प्रतिरोध नगण्य तथा p-n सन्धि डायोड आदर्श हों।

    <p>चित्र में डायोड एक तरह से खुला हुआ है, जिससे 5 Ω प्रतिरोध से धारा प्रवाहित होती है। क्योंकि अमीटरों का प्रतिरोध नगण्य है इसलिए A1 से 1 एम्पीयर धारा प्रवाहित होती है। डायोड के दूसरी तरफ 50 Ω प्रतिरोध से धारा नहीं प्रवाहित होती है। इसलिए A2 से 0 एम्पीयर धारा प्रवाहित होती है।</p> Signup and view all the answers

    विभव प्रवणता से क्या तात्पर्य है? विभव प्रवणता एवं विद्युत क्षेत्र की तीव्रता के मध्य सम्बन्ध स्थापित कीजिए।

    <p>विभव प्रवणता किसी बिंदु पर विभव परिवर्तन की दर को दर्शाता है। विद्युत क्षेत्र की तीव्रता किसी बिंदु पर विभव प्रवणता के ऋणात्मक के बराबर होती है, अर्थात् (\overrightarrow{E}) = -dV/dr होती है।</p> Signup and view all the answers

    अपवाह वेग की परिभाषा दीजिए। अपवाह वेग एवं विद्युत धारा में सम्बन्ध स्थापित कीजिए।

    <p>अपवाह वेग किसी चालक में मुक्त इलेक्ट्रॉनों के औसत वेग को दर्शाता है। विद्युत धारा I चालक के अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल A और इलेक्ट्रॉनों के अपवाह वेग vd के गुणनफल के बराबर होती है, अर्थात् I = neAvd होती है, जहाँ n चालक में मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या घनत्व है और e इलेक्ट्रॉन का आवेश है।</p> Signup and view all the answers

    एक प्रोटॉन, एक ड्यूट्रॉन तथा एक -कण समान विभवान्तर से त्वरित होकर एक समान चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत प्रवेश करता है। (i) इनकी गतिज ऊर्जाओं की तुलना कीजिए। (ii) यदि प्रोटॉन के वृत्ताकार मार्ग की त्रिज्या 10 सेमी हो, तो ड्यूट्रॉन तथा -कण के मार्गों की त्रिज्याएँ क्या होंगी?

    <p>(i) गतिज ऊर्जा K = qV से दी जाती है। समान विभवान्तर से त्वरित होने पर सभी कणों की गतिज ऊर्जा समान होगी क्योंकि उनकी आवेश समान है। (ii) चुम्बकीय क्षेत्र में गति कर रहे आवेशित कण की त्रिज्या r = mv/qB से दी जाती है। चूँकि गतिज ऊर्जा समान है इसलिए सभी कणों का वेग समान होगा। प्रोटॉन का द्रव्यमान m है, ड्यूट्रॉन का द्रव्यमान लगभग 2m है और α-कण का द्रव्यमान लगभग 4m है। इसलिए ड्यूट्रॉन की त्रिज्या प्रोटॉन की त्रिज्या से लगभग √2 गुनी होगी और α-कण की त्रिज्या प्रोटॉन की त्रिज्या से लगभग 2 गुनी होगी, अर्थात ड्यूट्रॉन की त्रिज्या लगभग 10√2 सेमी. और α-कण की त्रिज्या लगभग 20 सेमी. होगी।</p> Signup and view all the answers

    फैराडे के वैद्युत-चुम्बकीय प्रेरण सम्बन्धी नियम बताइए।

    <p>फैराडे के वैद्युत-चुम्बकीय प्रेरण का नियम कहता है कि किसी बंद लूप से गुजरने वाला चुंबकीय फ्लक्स समय के साथ बदल रहा हो, तो लूप में एक वैद्युत वाहक बल प्रेरित हो जाता है। यह प्रेरित वाहक बल चुंबकीय फ्लक्स परिवर्तन की दर के समानुपाती होता है।</p> Signup and view all the answers

    किसी परदे को बिम्ब से 90 सेमी दूरी पर रखा गया है। परदे पर किसी उत्तल लेंस द्वारा उसे एक-दूसरे से 20 सेमी दूर स्थितियों पर रखकर, दो प्रतिबिम्ब बनाए जाते हैं। लेंस की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए।

    <p>उत्तल लेंस के लिए 1/v - 1/u = 1/f होता है। पहले प्रतिबिम्ब के लिए u = -90 सेमी और v = -70 सेमी, 1/f = 1/-70 + 1/90 = 2/630, f =315 सेमी. द्वितीय प्रतिबिम्ब के लिए u = -90 सेमी और v = -110 सेमी, 1/f = 1/-110+1/90 = 2/990, f = 495 सेमी होता है। इसलिए लेंस की फोकस दूरी 315 सेमी और 495 सेमी होगी।</p> Signup and view all the answers

    चुम्बकत्व के परमाणवीय मॉडल की व्याख्या कीजिए। यदि पृथ्वी के किसी स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के उर्ध्वाधर घटक का मान क्षैतिक घटक के मान का √3 गुना हो तो उस स्थान पर नतिकोंण का मान क्या होगा?

    <p>चुम्बकत्व के परमाणवीय मॉडल के अनुसार परमाणुओं में इलेक्ट्रॉन अपने कक्षकों में घूमते हैं। इलेक्ट्रॉन का घूर्णन एक छोटे चुंबकीय द्विध्रुवीय आघूर्ण पैदा करता है। किसी पदार्थ में परमाणुओं के इन चुम्बकीय द्विध्रुवीय आघूर्णों के कारण समष्टि चुम्बकीय आघूर्ण पैदा होता है जो पदार्थ को चुंबकीय बनाता है। पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक Bh और उर्ध्वाधर घटक Bv के बीच नतिकोंण δ इस प्रकार दिया जाता है, tanδ = Bv/Bh = √3, इसलिए δ =tan⁻¹(√3) = 60° होता है।</p> Signup and view all the answers

    किसी प्रत्यावर्ती परिपथ में L, C और R श्रेणीक्रम में जुड़े हैं। इस परिपथ का आरेख बनाइए। परिपथ की प्रतिबाधा एवं अनुनादी आवृत्ति के लिए सूत्र लिखिए। यदि परिपथ में लगा प्रत्यावर्ती विभव 300 वोल्ट हो, प्रेरण प्रतिघात 50 ओम, धारितीय प्रतिघात 50 ओम तथा ओमीय प्रतिरोध 10 ओम हो तो परिपथ की प्रतिबाधा तथा L, C एवं R के सिरों के बीच विभवान्तर ज्ञात कीजिए।

    <p>श्रेणीक्रम में जुड़े प्रेरक (L), संधारित्र (C) और प्रतिरोधक (R) से बने एक प्रत्यावर्ती परिपथ की प्रतिबाधा Z = √(R² + (XL - XC)²) होती है, जहाँ XL प्रेरक प्रतिघात है (XL = ωL) और XC धारितीय प्रतिघात है (XC = 1/ωC), ω कोणीय आवृत्ति है। परिपथ की अनुनादी आवृत्ति f0 = 1/2π√(LC) होती है। परिपथ की प्रतिबाधा Z = √(10² + (50 - 50)²) = 10 ओम होती है। L, C और R के सिरों के बीच विभव क्रमशः VL = IXL, VC = IXC और VR = IR होता है, जहां I परिपथ में धारा है। I = V/Z = 300/10 = 30 A. VL = 30 x 50 = 1500 वोल्ट. VC = 30 x 50 = 1500 वोल्ट. VR = 30 x 10 = 300 वोल्ट.</p> Signup and view all the answers

    एक उच्चायी ट्रांसफॉर्मर की प्राथमिक तथा द्वितीयक कुण्डली में फेरों की संख्या क्रमशः 100 तथा 400 है। यदि प्राथमिक कुण्डली में 120 वोल्ट A.C. लगाया जाये तो ज्ञात कीजिए- (i) परिणमन अनुपात (ii) द्वितीयक कुण्डली में उत्पन्न वोल्टेज ।

    <p>(i) परिणमन अनुपात Np/Ns = 100/400 = 1/4 होता है। (ii) उच्चायी ट्रांसफॉर्मर में Vs/Vp = Ns/Np होता है, इसलिए Vs = Vp x Ns/Np = 120 x 400/100 = 480 वोल्ट होता है।</p> Signup and view all the answers

    मैक्सवेल के विद्युत-चुम्बकीय तरंग सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।

    <p>मैक्सवेल के विद्युत-चुम्बकीय तरंग सिद्धान्त के अनुसार विद्युत क्षेत्र और चुम्बकीय क्षेत्र परस्पर लम्बवत एक दूसरे के साथ प्रकाश की गति से गमन करते हैं। यह सिद्धांत यह भी बताता है कि विद्युत चुंबकीय तरंगें विद्युत चुम्बकीय विकिरण का एक रूप हैं, जैसे प्रकाश, रेडियो तरंगें, X- किरणें और γ-किरणें।</p> Signup and view all the answers

    तरंगों के संपोषी तथा विनाशी व्यतिकरण के लिए आवश्यक शर्तें बताइए।

    <p>जब दो या दो से अधिक तरंगें एक दूसरे को मिलाती हैं तो संपोषी व्यतिकरण तब होता है जब तरंगों का पथान्तर शून्य या nλ (n = 0, 1, 2, …) हो। विनाशी व्यतिकरण तब होता है जब तरंगों का पथान्तर (2n+1)λ/2 (n = 0, 1, 2, …) हो। इन दोनों स्थितियों में तरंगों का कलांतर शून्य होना चाहिए।</p> Signup and view all the answers

    प्रकाश वैद्युत प्रभाव के नियम लिखिए।

    <p>प्रकाश वैद्युत प्रभाव के नियम यह बताते हैं कि (i) किसी धातु के पृष्ठ से इलेक्ट्रॉनों को उत्सर्जित करने के लिए आवृत्ति की एक न्यूनतम मान होती है, जिसे देहली आवृत्ति कहते हैं। (ii) उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों की संख्या आपतित प्रकाश की तीव्रता के समानुपाती होती है। (iii) उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम गतिज ऊर्जा आपतित प्रकाश की आवृत्ति पर निर्भर करती है और उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों की संख्या पर निर्भर नहीं करती है।</p> Signup and view all the answers

    स्थिर-विद्युतिकी (वैद्युत-स्थैतिकी) का गौस प्रमेय लिखिए। इसकी सहायता से एक समान रूप से आवेशित अनन्त लम्बाई के सीधे तार के निकट वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता के लिए व्यंजक प्राप्त कीजिए।

    <p>गौस प्रमेय कहता है कि किसी बंद पृष्ठ से गुजरने वाला कुल विद्युत फ्लक्स पृष्ठ के अंदर स्थित कुल आवेश के 1/ ε0 के बराबर होता है, अर्थात ∮ E.ds = Q/ ε0 होता है। समान रूप से आवेशित अनंत लम्बाई के तार के कारण वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता E = λ/2πε0r होती है, जहाँ λ तार पर प्रति एकांक लम्बाई आवेश है और r तार से दूरी है। इसे गौस प्रमेय का उपयोग करके प्राप्त किया जा सकता है। एक सिलेंडर आकार का गाउसीय पृष्ठ तार के साथ समानांतर लेते हैं, जिसका त्रिज्या r है। तार से बाहर वैद्युत क्षेत्र केवल रेडियल दिशा में होता है। गौस प्रमेय के अनुसार ∮ E.ds = Q/ε0 होता है। सिलेंडर के वक्र पृष्ठ से गुजरने वाला फ्लक्स शून्य होता है, क्योंकि E और ds लम्बवत है। सिलेंडर के दोनों सिरों से गुजरने वाला फ्लक्स समान होता है। सिलेंडर के दोनों सिरों से गुजरने वाला फ्लक्स 2Eπr² होता है। सिलेंडर के अंदर कुल आवेश λl होता है। इसलिए 2Eπr² = λl/ε0. इससे E = λ/2πε0r प्राप्त होता है।</p> Signup and view all the answers

    किसी समान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता का व्यंजक प्राप्त कीजिए जबकि दोनों प्लेटों के बीच परावैधुत भरा हो।

    <p>समांतर प्लेट संधारित्र की धारिता C = ε0A/d होती है जहाँ ε0 निर्वात की विद्युतशीलता है, A प्लेटों का क्षेत्रफल है और d प्लेटों के बीच की दूरी है। जब प्लेटों के बीच परावैधुत भरा होता है, तब धारिता C = kε0A/d होती है, जहाँ k परावैधुत स्थिरांक है।</p> Signup and view all the answers

    संयुक्त सूक्ष्मदर्शी का नामांकित किरण आरेख बनाइए तथा इसकी आर्वधन क्षमता का सूत्र ज्ञात कीजिए, जब अन्तिम प्रतिबिम्ब स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी पर बनता है।

    <p>संयुक्त सूक्ष्मदर्शी एक दूरदर्शी और एक लेंस (आंख का लेंस) से मिलकर बनता है जो एक दूसरे से थोड़ी दूरी पर रखे होते हैं। संयुक्त सूक्ष्मदर्शी का आर्वधन क्षमता M = -v0/u0 x v1/u1 होता है। यहाँ v0 आंख के लेन्स द्वारा प्रथम प्रतिबिम्ब का दूरी है, u0 प्रथम लेंस द्वारा आपतित प्रकाश की दूरी है, v1 आंख के लेन्स द्वारा बनने वाले अंतिम प्रतिबिम्ब की दूरी है और u1 दूरदर्शी द्वारा बनने वाले प्रथम प्रतिबिम्ब की दूरी है। जब अंतिम प्रतिबिम्ब स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी पर बनता है, तब v1 = -D होता है। सूक्ष्मदर्शी की कुल क्षमता M = (1+D/f0) x (D/fo) होती है, जहाँ f0 प्रथम लेन्स की फोकस दूरी है और D स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी है।</p> Signup and view all the answers

    प्रकाश के विवर्तन से आप क्या समझते हैं? एक पतली झिर्री से प्रकाश के विवर्तन के कारण प्राप्त विवर्तन प्रारूप की व्याख्या कीजिए।

    <p>प्रकाश का विवर्तन प्रकाश तरंगों के किनारों पर मुड़ने की घटना को कहते हैं। जबकि प्रकाश एक सीधी रेखा में गमन करता है, लेकिन जब यह किसी छोटे अवरोध से गुजरता है तो इसकी दिशा बदल जाती है। एक पतली झिर्री से गुजरने पर प्रकाश तरंग विवर्तित होती है। विवर्तन प्रारूप में केन्द्रीय चमकीली फ्रिंज के दोनों ओर चमकीली और अंधेरी फ्रिंजें पाई जाती हैं। केन्द्रीय चमकीली फ्रिंज सबसे चौड़ी और सबसे चमकीली होती है। साइड फ्रिंज की चौड़ाई घटती जाती है और इनकी चमक भी कम होती है। विवर्तन प्रारूप की चौड़ाई झिर्री के आकार के विपरीत आनुपातिक होती है। झिर्री जितनी छोटी होगी, विवर्तन प्रारूप उतना ही चौड़ा होगा।</p> Signup and view all the answers

    Study Notes

    भौतिक विज्ञान - कक्षा 12 - प्रतिदर्श प्रश्नपत्र 2024-25

    • नोट: 15 मिनट प्रश्न पत्र पढ़ने के लिए निर्धारित हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं। पाँच खण्ड हैं: 'अ', 'ब', 'स', 'द' और 'य'। खण्ड 'अ' बहुविकल्पीय, खण्ड 'ब' अतिलघु उत्तरीय, खण्ड 'स' लघु उत्तरीय I प्रकार, खण्ड 'द' लघु उत्तरीय II प्रकार और खण्ड 'य' दीर्घ उत्तरीय हैं। दीर्घ उत्तरीय खण्ड में विकल्प दिया गया है। प्रश्नों में प्रयुक्त प्रतीकों के अर्थ सामान्य हैं।

    खण्ड 'अ'

    • 1(क): विद्युत फ्लक्स का मात्रक वोल्ट x मीटर है।
    • 1(ख): चुम्बकीय क्षेत्र B में veग से गतिमान आवेश कण पर लगने वाला बल F = q(u x B) है।
    • 1(ग): वैद्युत-चुम्बकीय तरंग के वैद्युत सदिश तथा चुम्बकीय सदिश की दिशा E x B के अनुदिश होती है।
    • 1(घ): 4 डायोप्टर और -2 डायोप्टर क्षमता वाले दो लेन्स सम्पर्क में रखे होने पर संयुक्त लेन्स की फोकस दूरी -50 सेमी० है।

    खण्ड 'ब'

    • 2(क): विशिष्ट चालकता का सूत्र और मात्रक ज्ञात कीजिए।
    • 2(ख): दो सीधे समान्तर अनन्त लम्बाई के धारावाही चालकों के प्रति एकांक लम्बाई पर लगने वाले बल का व्यंजक ज्ञात कीजिए।
    • 2(ग): 10 ओम प्रतिरोध और 10 हेनरी प्रेरकत्व वाली कुण्डली में संचित ऊर्जा ज्ञात कीजिए।
    • 2(घ): क्रान्तिक कोण की परिभाषा दीजिये।
    • 2(ङ): हाइड्रोजन के प्रथम बोर कक्ष की त्रिज्या 0.53 Å है। तृतीय बोर कक्ष की त्रिज्या ज्ञात कीजिए।
    • 2(च): इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी में त्वरक के विभव का मान ज्ञात कीजिए।

    खण्ड 'स'

    • 3(क): 6 ओम के तार की लम्बाई दोगुनी करने पर नया प्रतिरोध ज्ञात कीजिए।
    • 3(ख): प्रिज्म के प्रथम अपवर्तक पृष्ठ पर अपवर्तन कोण 30° और अल्पतम विचलन कोण 30° होने पर प्रिज्म के पदार्थ का अपवर्तनांक ज्ञात कीजिए।
    • 3(ग): परमाणु द्रव्यमान मात्रक (a.m.u.) की परिभाषा और इसका किलोग्राम और MeV में मान लिखिए।
    • 3(घ): संलग्न चित्र में अमीटर A1 और A2 से मापी गई वैद्युत धाराएँ ज्ञात कीजिए।

    खण्ड 'द'

    • 4(क): विभव प्रवणता की परिभाषा दीजिये और इसका विद्युत क्षेत्र की तीव्रता से सम्बन्ध बताइये।
    • 4(ख): अपवाह वेग की परिभाषा दीजिये। अपवाह वेग एवं विद्युत धारा का सम्बन्ध बताइये।
    • 4(ग): प्रोटॉन, ड्यूट्रॉन और अल्फ़ा कण को समान विभवान्तर से त्वरित करने पर उनकी गतिज ऊर्जाओं और वृत्ताकार मार्ग की त्रिज्याओं की तुलना कीजिए।
    • 4(घ): फैराडे के वैद्युतचुम्बकीय प्रेरण सम्बन्धी नियम बताइये।
    • 4(ङ): 90 सेमी दूर रखे परदे पर किसी उत्तल लेंस द्वारा बिम्ब के दो प्रतिबिम्ब प्राप्त हैं, जो 20 सेमी दूर हैं। लेंस की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए।

    खण्ड 'य'

    • 5(क): चुम्बकत्व का परमाणवीय मॉडल समझाओ। पृथ्वी के किसी स्थान पर यदि चुम्बकीय क्षेत्र का उर्ध्वाधर घटक क्षैतिज घटक का √3 गुना है तो नति कोण क्या होगा?
    • 5(ख): L, C, और R श्रेणीक्रम में जुड़े प्रत्यावर्ती परिपथ का आरेख बनाइए। परिपथ की प्रतिबाधा और अनुनादी आवृत्ति के लिए सूत्र लिखिए प्रेरण प्रतिघात 50 ओम, धारिता प्रतिघात 50 ओम और प्रतिरोध 10 ओम हो तो परिपथ की प्रतिबाधा और L, C और R के सिरों के बीच विभवान्तर ज्ञात कीजिए।
    • 5(ख) विकल्प: एक उच्चायी ट्रांसफॉर्मर की प्राथमिक तथा द्वितीयक कुण्डली में फेरों की संख्या ज्ञात कीजिए। प्राथमिक कुण्डली में 120 वोल्ट A.C. लगाने पर द्वितीयक कुण्डली में उत्पन्न वोल्टेज ज्ञात कीजिए।
    • 5(ग): मैक्सवेल के विद्युत चुम्बकीय तरंग सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
    • 5(घ): तरंगों के संपोषी और विनाशी व्यतिकरण की शर्तें बताइए।
    • 5(ङ): प्रकाश वैद्युत प्रभाव के नियम लिखिए।

    अतिरिक्त

    • 7: संलग्न प्रश्न और उत्तर
    • 8: हाइड्रोजन परमाणु की ऊर्जा और उत्तेजित अवस्था
    • 9: नाभिकीय अभिक्रियाएँ
    • 9 विकल्प: p-n सन्धि डायोड का आरेख

    Studying That Suits You

    Use AI to generate personalized quizzes and flashcards to suit your learning preferences.

    Quiz Team

    Related Documents

    Physics Exam Paper PDF 2024-25

    Description

    यह क्विज भौतिक विज्ञान कक्षा 12 के छात्रों के लिए 2024-25 सत्र के प्रतिदर्श प्रश्नपत्र पर आधारित है। इसमें विभिन्न प्रकार के प्रश्न शामिल हैं, जैसे बहुविकल्पीय, अतिलघु उत्तरीय, और दीर्घ उत्तरीय। यह प्रश्नपत्र छात्रों को उनकी तैयारी की जांच करने का एक अच्छा अवसर प्रदान करता है।

    More Like This

    Class 12 Physics Exam Prep
    5 questions
    Class 12 WB Board Physics Exam Guide
    12 questions
    CBSE Class 12 Physics Exam Papers and Analysis
    0 questions
    Use Quizgecko on...
    Browser
    Browser