भौतिकी: स्थिर वैद्युतिकी और तरंगें
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Questions and Answers

एक परावर्तन टेलीस्कोप में छवि का गठन कैसे होता है? इसे रेखा आरेख का उपयोग करके समझाएं।

  • सभी किरणें फोकल बिंदु पर मिलती हैं।
  • किरणें समानांतर रूप से यात्रा करती हैं।
  • दर्पण में परावर्तित किरणें एक बिंदु पर मिलती हैं। (correct)
  • तेज लेंस से सीमित किरणें विभाजित होती हैं।

हाइड्रोजन परमाणु के लिए बोहर के मॉडल के मुख्य सिद्धांत क्या हैं?

  • चक्राकार कक्षाओं में इलेक्ट्रॉनों का प्रभाव। (correct)
  • परमाणु के चार्ज का वर्णन।
  • भौतिकी कणों की स्थिति की व्याख्या।
  • गति के नियमों का पालन करने वाली कक्षाएँ।

नाभिक की बाइंडिंग ऊर्जा का क्या अर्थ है?

  • परमाणु की समग्र ऊर्जा।
  • न्यूक्लियस के अंदर प्रोटॉन और न्यूट्रॉन की संख्या।
  • परमाणु के बाहरी इलेक्ट्रॉनों की ऊर्जा।
  • नाभिक को तोड़ने के लिए आवश्यक ऊर्जा। (correct)

Diffraction और interference में क्या फर्क है?

<p>Diffraction केवल एक स्रोत से होती है जबकि interference कई से। (B)</p> Signup and view all the answers

फ्यूजन और फिशन प्रक्रियाएँ क्या होती हैं?

<p>फ्यूजन में भारी नाभिक जुड़ते हैं जबकि फिशन में भारी टूटते हैं। (A)</p> Signup and view all the answers

Flashcards

समांतर क्रम में संधारित्रों का समतुल्य धारिता

जब संधारित्र समान विभव अंतर पर जुड़े होते हैं तो उन्हें समानांतर क्रम में कहा जाता है। समतुल्य धारिता सभी संधारित्रों की धारिताओं का योग होती है।

शृंखला क्रम में संधारित्रों का समतुल्य धारिता

जब संधारित्र समान आवेश रखते हैं तो उन्हें शृंखला क्रम में कहा जाता है। समतुल्य धारिता का व्युत्क्रम, प्रत्येक संधारित्र के व्युत्क्रम धारिता के योग के बराबर होता है।

दर्पण दूरदर्शी

दर्पण दूरदर्शी में मुख्य लेंस के बजाय प्रकाशीय विक्षेपण के लिए अवतल दर्पण का उपयोग किया जाता है। यह अवतल दर्पण आने वाले प्रकाश को एकत्रित करता है और एक वास्तविक, उलटा प्रतिबिंब बनाता है।

अपवर्तक दूरदर्शी

अपवर्तक दूरदर्शी में प्रकाश को एकत्रित करने और छवि बनाने के लिए उत्तल लेंस का उपयोग किया जाता है। उत्तल लेंस प्रकाश को अपवर्तित करता है और एक वास्तविक, उलटा प्रतिबिंब बनाता है।

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बोहर के हाइड्रोजन परमाणु मॉडल के अभिगृहीत

बोहर का मॉडल यह कहता है कि इलेक्ट्रॉन केवल विशिष्ट और स्थिर ऊर्जा के कक्षाओं में घूमते हैं। इलेक्ट्रॉन जब एक कक्षा से दूसरी कक्षा में जाता है तो ऊर्जा का उत्सर्जन या अवशोषण होता है।

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Study Notes

परावर्तक दूरदर्शी में छवि का निर्माण

  • परावर्तक दूरदर्शी में, एक अवतल दर्पण का उपयोग करके आने वाली प्रकाश की किरणों को केंद्रित किया जाता है।
  • अवतल दर्पण पर पड़ने वाली प्रकाश की किरणें परावर्तित होकर एक बिंदु पर एकत्रित होती हैं, जिसे फोकस बिंदु कहा जाता है।
  • फोकस बिंदु पर एक दर्पण रखा जाता है, जो प्रकाश की किरणों को आंखों तक पहुंचाता है।
  • दूसरा अवतल दर्पण, जिसे द्वितीयक दर्पण के रूप में जाना जाता है, प्रथम अवतल दर्पण से परावर्तित प्रकाश को केंद्रित करता है और ऑब्जेक्ट की एक वास्तविक, उलटी छवि बनाता है।

हाइड्रोजन परमाणु के लिए बोहर मॉडल के मुख्य सिद्धांत

  • इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर केवल कुछ निश्चित कक्षाओं में घूम सकते हैं, जिन्हें स्थिर कक्षाएं कहा जाता है।
  • इन स्थिर कक्षाओं में इलेक्ट्रॉन ऊर्जा का उत्सर्जन या अवशोषण नहीं करते हैं।
  • इलेक्ट्रॉन इन स्थिर कक्षाओं के बीच कूद सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप ऊर्जा का उत्सर्जन या अवशोषण होता है।
  • एक इलेक्ट्रॉन उच्च ऊर्जा वाली कक्षा से निम्न ऊर्जा वाली कक्षा में कूदता है, तो वह प्रकाश का फोटॉन उत्सर्जित करता है।
  • यदि इलेक्ट्रॉन कम ऊर्जा वाली कक्षा से उच्च ऊर्जा वाली कक्षा में कूदता है, तो वह प्रकाश का फोटॉन अवशोषित करता है।
  • इलेक्ट्रॉन की कक्षा की त्रिज्या और ऊर्जा क्वांटित होती है, जिसका अर्थ है कि वे केवल विविक्त मान ले सकते हैं।

नाभिक की बंधन ऊर्जा

  • नाभिक की बंधन ऊर्जा न्यूक्लियॉन (प्रोटॉन और न्यूट्रॉन) को नाभिक से अलग करने के लिए आवश्यक ऊर्जा की मात्रा है।
  • एक नाभिक की बंधन ऊर्जा को नाभिक में मौजूद न्यूक्लियॉन की संख्या से विभाजित करने पर प्रति न्यूक्लियॉन की बंधन ऊर्जा मिलती है।
  • प्रति न्यूक्लियॉन की बंधन ऊर्जा, एक तत्व की स्थिरता का एक माप है।
  • उच्च बंधन ऊर्जा वाले नाभिक अधिक स्थिर होते हैं।

विवर्तन और व्यतिकरण के बीच अंतर

  • विवर्तन प्रकाश तरंगों का एक ऐसा गुण है जो प्रकाश किरणों को बाधाओं के किनारों के चारों ओर मुड़ने की अनुमति देता है।
  • व्यतिकरण दो या दो से अधिक प्रकाश तरंगों के सुपरपोजिशन के कारण उत्पन्न होता है।
  • विवर्तन में, एक ही प्रकाश स्रोत से प्रकाश तरंगें आपस में व्यतिकरण करती हैं।
  • व्यतिकरण में, दो या दो से अधिक विभिन्न प्रकाश स्रोतों से प्रकाश तरंगें आपस में व्यतिकरण करती हैं।

संलयन और विखंडन प्रक्रियाएँ

  • संलयन प्रक्रिया दो या दो से अधिक हल्के नाभिकों को एक भारी नाभिक में जोड़ने की प्रक्रिया है।
  • संलयन प्रक्रिया में बहुत अधिक ऊर्जा मुक्त होती है।
  • विखंडन प्रक्रिया एक भारी नाभिक को दो या दो से अधिक हल्के नाभिकों में विभाजित करने की प्रक्रिया है।
  • विखंडन प्रक्रिया में भी बहुत अधिक ऊर्जा मुक्त होती है।

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Description

यह क्विज स्थिर वैद्युतिकी, परिपथ, किरण आरेख, तरंगों का विवर्तन, और हाइड्रोजन परमाणु के बोहर मॉडल पर केंद्रित है। इसमें गॉस नियम, भौतिक परिपथ के गुण, और प्रकाश के ध्रुवीकरण की व्याख्या शामिल है। प्रश्नों के माध्यम से आप इन अवधारणाओं को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं।

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