भारतवर्ष का बोध एवं राजनीतिक रूपरेखा
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Questions and Answers

भगवान श्री राम और श्री कृष्ण का क्या महत्व है?

भगवान श्री राम और श्री कृष्ण भगवान विष्णु के अवतार हैं, जो भारतीय संस्कृति और धर्म का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।

सामवेद काल में संगीत किस प्रकार की एकता को बढ़ावा देता था?

सामवेद काल में संगीत ने भारत में सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा दिया।

भक्ति आंदोलन की सांस्कृतिक एकता में भूमिका क्या है?

भक्ति आंदोलन ने सांस्कृतिक एकता स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

कौनसे संतों ने भक्ति आंदोलन को ऊर्जा प्रदान की?

<p>अलवार, नारायण, तुकाराम, त्यागराज, चैतन्य महाप्रभु और नरसिंह मेहता ने भक्ति आंदोलन को ऊर्जा प्रदान की।</p> Signup and view all the answers

धार्मिक यात्राओं का भारतीय संस्कृति में क्या महत्व है?

<p>धार्मिक यात्राएं भारतीय संस्कृति में विचारों के प्रसार और सांस्कृतिक समन्वय का महत्वपूर्ण माध्यम हैं।</p> Signup and view all the answers

चार धाम का सांस्कृतिक एकता में क्या महत्व है?

<p>चार धाम भारत में सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देने वाले महत्वपूर्ण स्थल हैं।</p> Signup and view all the answers

कौन-सी नदियों को पवित्र माना जाता है?

<p>गंगा, यमुना, नर्मदा, कावेरी, और कृष्णा नदियों को पवित्र माना जाता है।</p> Signup and view all the answers

विरोध और सुधार की परंपरा का भारतीय समाज में क्या महत्व है?

<p>विरोध और सुधार की परंपरा भारतीय समाज में स्थाई मूल्यों की रक्षा करती है।</p> Signup and view all the answers

धर्म और संस्कृति के शाश्वत मूल्यों को हल्का क्यों किया जा रहा है?

<p>धर्म और संस्कृति के शाश्वत मूल्यों को स्वार्थ आने पर हल्का किया जा रहा है।</p> Signup and view all the answers

भारत में संगीत की स्थानीय परंपराओं का विकास कैसे हुआ?

<p>भारत में संगीत की स्थानीय परंपराओं का विकास हिंदुस्तानी और कर्नाटक शास्त्रीय संगीत के माध्यम से हुआ।</p> Signup and view all the answers

संत कवियों ने हिंदू धर्म के तत्वों को कैसे प्रस्तुत किया?

<p>संत कवियों ने हिंदू धर्म के तत्वों को अपनी कविताओं में पिरोकर जन-जन तक पहुँचाया।</p> Signup and view all the answers

प्राचीन काल में ऋषियों ने किस प्रकार का कार्य किया?

<p>प्राचीन काल में ऋषियों ने अपने मत का प्रसार करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में यात्रा की।</p> Signup and view all the answers

बौद्ध धर्म और जैन धर्म में पवित्र स्थलों के उदाहरण क्या हैं?

<p>बौद्ध धर्म में सांची, सारनाथ, बौद्ध गया और जैन धर्म में आबू पर्वत, दिलवाड़ा के मंदिर पवित्र स्थल हैं।</p> Signup and view all the answers

भारतीय संगीत की विकास यात्रा का महत्व क्या है?

<p>भारतीय संगीत की विकास यात्रा ने सांस्कृतिक समृद्धि और विविधता को बढ़ाया है।</p> Signup and view all the answers

विरोध और सुधार का अर्थ क्या है और यह कैसे सभी धर्मों में प्रकट होता है?

<p>विरोध और सुधार का अर्थ है कि समय के साथ धर्मों में अच्छे और बुरे तत्वों का परिवर्तन होता है। यह प्रक्रिया सभी धर्मों में चलती रहती है, जैसे सनातन धर्म में देखी जाती है।</p> Signup and view all the answers

प्राचीन भारत में राजनीतिक व्यवस्था का विकास कैसे हुआ?

<p>प्राचीन भारत में राजनीतिक व्यवस्था जन से जनपद, फिर महाजनपद और अंततः साम्राज्य की ओर विकसित हुई। यह विकास सामाजिक और आर्थिक परिवर्तनों से प्रभावित हुआ।</p> Signup and view all the answers

महाजनपदों के उदय में कौन से कारक शामिल थे?

<p>महाजनपदों के उदय में कृषि, उद्योग और व्यापार के विकास जैसे आर्थिक परिवर्तनों का योगदान था। इनसे राज्य की आय और शक्ति में वृद्धि हुई।</p> Signup and view all the answers

किस महाजनपद ने भारत में सबसे पहले साम्राज्य का स्वरूप धारण किया?

<p>मगध महाजनपद ने भारत में सबसे पहले साम्राज्य का स्वरूप धारण किया। इसकी लोहे की संपदा और उपजाऊ भूमि ने इसे शक्तिशाली बनाया।</p> Signup and view all the answers

चंद्रगुप्त मौर्य के शासन का महत्व क्या था?

<p>चंद्रगुप्त मौर्य ने मगध राज्य पर अधिकार कर एक विशाल साम्राज्य स्थापित किया। उन्होंने कई क्षेत्रों को अपने नियंत्रण में लिया, जिससे मौर्य साम्राज्य का विकास हुआ।</p> Signup and view all the answers

सम्राट अशोक ने अपने साम्राज्य का राजनीतिक एकीकरण कैसे किया?

<p>सम्राट अशोक ने कलिंग को जीतकर अपने साम्राज्य का राजनीतिक एकीकरण पूरा किया। उनकी नीतियों में बौद्ध धर्म का संरक्षण भी शामिल था।</p> Signup and view all the answers

कुषाण साम्राज्य का क्या महत्व था?

<p>कुषाण साम्राज्य ने भारत में व्यापार और उद्योग के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसका विस्तार उत्तर पश्चिम भारत से लेकर मध्य एशिया और चीन तक हुआ।</p> Signup and view all the answers

गुप्त साम्राज्य क्या था और इसके शासकों की भूमिका क्या थी?

<p>गुप्त साम्राज्य भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण रहा, जिसके शासकों ने राजनीतिक एकता स्थापित की। समुद्रगुप्त और चंद्रगुप्त II जैसे शासकों ने विजय अभियानों के माध्यम से इसे और सशक्त बनाया।</p> Signup and view all the answers

त्रिकोणीय संघर्ष का क्या महत्व था?

<p>त्रिकोणीय संघर्ष ने पाल, प्रतिहार और राष्ट्रकूट वंशों के बीच कन्नौज पर नियंत्रण के लिए युद्ध को दर्शाया। यह संघर्ष तीनों शक्तियों के लिए महत्वपूर्ण था और बाद में राजपूत राजवंशों का उदय हुआ।</p> Signup and view all the answers

पृथ्वीराज चौहान का राज्य किस क्षेत्र में फैला था?

<p>पृथ्वीराज चौहान का राज्य जोधपुर, अजमेर, दिल्ली, कालिंजर, महोबा और बठिंडा तक फैला था।</p> Signup and view all the answers

राजेंद्र चोल का साम्राज्य किस दिशा में फैला था?

<p>राजेंद्र चोल का साम्राज्य लगभग सारे दक्षिण भारत के साथ-साथ उत्तर भारत, मालवा, सुमात्रा, जावा और श्रीलंका तक फैला था।</p> Signup and view all the answers

दिल्ली सल्तनत की स्थापना किस वर्ष हुई थी और इसका महत्व क्या था?

<p>दिल्ली सल्तनत की स्थापना 1206 ईस्वी में हुई थी। इसका महत्व भारत में राजनीतिक एकता स्थापित करने में था।</p> Signup and view all the answers

ब्रिटिश राज का भारत की राजनीतिक स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ा?

<p>ब्रिटिश राज ने भारत में राजनीतिक अस्थिरता को बढ़ाया और भारतीय राज्यों के बीच सत्ता का संतुलन बिगाड़ा। अंततः यह स्वतंत्रता संग्राम की ओर ले गया।</p> Signup and view all the answers

भारत की राजनीतिक रूपरेखा का 15 अगस्त 1947 के बाद क्या हुआ?

<p>15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्रता मिली और एक गणतंत्र की स्थापना हुई, जिससे राजनीतिक रूपरेखा स्थिर हुई। यह भारत के इतिहास का एक महत्वपूर्ण मोड़ था।</p> Signup and view all the answers

भारत के विभिन्न नामों में से एक का उदाहरण दीजिए और उसका अर्थ बताइए।

<p>भारतवर्ष, जिसका अर्थ 'भरत जन की भूमि' है।</p> Signup and view all the answers

हिंदुस्तान नाम का उद्भव किस भाषा से हुआ था?

<p>हिंदुस्तान नाम का उद्भव ईरानी या पर्शियन भाषा से हुआ।</p> Signup and view all the answers

भारत का सांस्कृतिक पहचान क्या दर्शाता है?

<p>भारत की सांस्कृतिक पहचान विविधता में एकता से बनी है।</p> Signup and view all the answers

रामायण और महाभारत का भारत की एकता में क्या योगदान है?

<p>ये महाकाव्य संपूर्ण देश में व्याप्त हैं और विभिन्न संस्कृतियों को जोड़ते हैं।</p> Signup and view all the answers

कौन सा भूगोलिक नाम भागवत पुराण में मिलता है और इसका क्या अर्थ है?

<p>जम्बूद्वीप, जो पृथ्वी के केंद्र में स्थित बताया गया है।</p> Signup and view all the answers

भारत में धार्मिक विविधता का एक उदाहरण दीजिए।

<p>भारत में वैदिक धर्म, बौद्ध धर्म, और जैन धर्म विकसित हुए हैं।</p> Signup and view all the answers

इंडिया शब्द का सबसे पहले किसने प्रयोग किया था?

<p>5वीं शताब्दी ईसा पूर्व में हेरोडोटस ने 'इंडिया' शब्द का प्रयोग किया।</p> Signup and view all the answers

उत्तरापथ और दक्षिणा पथ किन क्षेत्रों से जुड़े हुए हैं?

<p>ये भारत के उत्तर और दक्षिण में मुख्य व्यापारिक मार्गों से जुड़े हुए हैं।</p> Signup and view all the answers

भगवद् गीता का क्या संदेश है और यह किस प्रकार भारत की सांस्कृतिक पहचान में योगदान करता है?

<p>भगवद् गीता का संदेश 'कर्म योग' पर आधारित है।</p> Signup and view all the answers

सप्त सिंधु नाम का उल्लेख किस ग्रंथ में मिलता है?

<p>सप्त सिंधु नाम ऋग्वेद में मिलता है।</p> Signup and view all the answers

भारत की भाषाई विविधता के संकेत किसका उपयोग करते हैं?

<p>संविधान में 22 भाषाओं को मान्यता दी गई है।</p> Signup and view all the answers

आर्यवर्त नाम से भारत के किस क्षेत्र का संदर्भ होता है?

<p>आर्यवर्त नाम पूरे उत्तरी भारत के क्षेत्र को संदर्भित करता है।</p> Signup and view all the answers

ईरानी राजाओं द्वारा भारत के किस क्षेत्र को 'हिंदू' कहा गया?

<p>सिंधु क्षेत्र को ईरानी राजाओं ने 'हिंदू' कहा।</p> Signup and view all the answers

भारत के सांस्कृतिक मूल्यों को कौन सी प्रदर्शन कलाएँ बढ़ावा देती हैं?

<p>रामलीला और रासलीला भारत के सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देती हैं।</p> Signup and view all the answers

भारतीय उपमहाद्वीप का एक अन्य नाम क्या है और इसका क्या संदर्भ है?

<p>सिंधु नदी का क्षेत्र 'हिंदू' और 'इंडिया' के रूप में संदर्भित होता है।</p> Signup and view all the answers

Flashcards

हिंदू / इंडिया

भारत के विभिन्न नामों में से एक जो सिंधु नदी और उसकी घाटी क्षेत्र को संदर्भित करता था।

हिंदुस्तान

ईरानी या पर्शियन मूल का नाम जो शुरूआत में सिंधु क्षेत्र के लिए इस्तेमाल किया जाता था।

इंडिया

प्राचीन यूनानियों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला नाम जो सिंधु नदी से उत्पन्न होता है।

सीना

चीनी विद्वानों द्वारा सिंधु के निचले भाग और डेल्टा क्षेत्र के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला नाम।

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सप्त सिंधु

ऋग्वेद में वर्णित नाम जो सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के क्षेत्र को संदर्भित करता है.

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आर्यवर्त

उत्तर वैदिक साहित्य में प्रयोग किया जाने वाला नाम जो उत्तरी और मध्य भारत के क्षेत्रों को संदर्भित करता है।

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उत्तरापथ और दक्षिणा पथ

7वीं सदी में उत्तर और दक्षिण भारत के मुख्य व्यापारिक मार्गों से जुड़े नाम।

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जम्बूद्वीप

भौगोलिक और पौराणिक परिकल्पना पर आधारित नाम जो पृथ्वी के केंद्र में स्थित बताया गया है।

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भारतवर्ष

भारत के नाम की उत्पत्ति 'भरत जन' से हुई है।

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भारत की सांस्कृतिक पहचान

भारत की सभ्यता, संस्कृति और मूल्यों का समन्वय विविधता में एकता से हुआ है।

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धार्मिक विविधता

भारत में विभिन्न धर्मों की मौजूदगी जो अपनी अलग-अलग मान्यताओं और रीति-रिवाजों के साथ हैं।

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भाषाई विविधता

भारत में विभिन्न भाषाओं और बोलियों का समृद्ध संग्रह।

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सांस्कृतिक इकाईओं की विविधता

भारत के विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में अलग-अलग सांस्कृतिक इकाइयों का निर्माण

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राजनीतिक एकता की प्रक्रिया

भारत के इतिहास में विभिन्न राज्यों और साम्राज्यों के बीच युद्ध और संघर्ष हुए हैं।

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महाकाव्य शास्त्र की भूमिका

रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों का भारत की सांस्कृतिक एकता में महत्वपूर्ण योगदान है।

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श्री राम और श्री कृष्ण

भगवान विष्णु के दो प्रमुख अवतार हैं।

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शास्त्रीय संगीत का विकास

शास्त्रीय संगीत की उत्पत्ति और विकास, श्री कृष्ण की कला से प्रभावित है।

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संगीत की एकता

सामवेद काल से ही भारत में संगीत ने एकता को बढ़ावा दिया है।

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स्थानीय संगीत परंपराएँ

हिंदुस्तानी और कर्नाटक शास्त्रीय संगीत के अलावा भारत में कई स्थानीय संगीत परंपराएँ हैं।

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भक्ति आंदोलन का प्रभाव

भारतीय संस्कृति में भक्ति आंदोलन ने सांस्कृतिक एकता स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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संत कवियों का योगदान

संत कवियों ने हिंदू धर्म के तत्वों को अपनी कविताओं के माध्यम से जन-जन तक पहुँचाया।

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भक्ति आंदोलन के प्रणेता

अलवार, नारायण, तुकाराम, त्यागराज, चैतन्य महाप्रभु, नरसिंह मेहता, और भाष जैसे संतों ने भक्ति आंदोलन को ऊर्जा प्रदान की।

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संतों और ऋषियों की यात्रा

प्राचीन काल से ही संत और ऋषि अपने मत का प्रसार करने के लिए देश के अलग-अलग स्थानों पर जाते थे।

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आश्रम का विकास

ऋषियों द्वारा स्थापित आश्रम, धार्मिक स्थल बन गए।

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चार धाम का महत्व

चार धाम: बद्रीनाथ, जगन्नाथ पुरी, द्वारका पुरी, और रामेश्वरम, भारत को सांस्कृतिक एकता प्रदान करते हैं।

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पवित्र नदियाँ

गंगा, यमुना, नर्मदा, कावेरी, कृष्णा जैसे नदियाँ भारत में पवित्र मानी जाती हैं।

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धार्मिक स्थल

सांची, सारनाथ, और बौद्ध गया (बौद्ध धर्म) और आबू पर्वत, दिलवाड़ा के मंदिर (जैन धर्म), पवित्र स्थल हैं।

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मूल्यों का क्षय

धर्म और संस्कृति शाश्वत मूल्यों पर आधारित होते हैं, लेकिन स्वार्थ आने पर यह मूल्य खत्म हो जाते हैं।

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धर्म का बोझ

धर्म कभी-कभी रूढ़िवादी हो जाता है और लोगों के लिए एक बोझ बन जाता है।

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विरोध और सुधार की परंपरा

भारतीय समाज में विरोध और सुधार की परंपरा प्राचीन काल से है।

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प्राचीन भारत में राजनीतिक व्यवस्था का विकास

प्राचीन भारत में राजनीतिक व्यवस्था का विकास इस क्रम में हुआ - जन से जनपद से महाजनपद और फिर साम्राज्य।

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ऋग्वेद में "जन" शब्द का अर्थ

ऋग्वेद में "जन" शब्द का उपयोग 275 बार हुआ है और इसका अर्थ है 'लोगों का समूह' या 'जहाँ लोग रहते हैं'।

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"जनपद" शब्द का अर्थ

"जनपद" का अर्थ है 'जहाँ जन ने अपना पांव जमाया है', यानी एक स्थायी निवास स्थान।

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जनपद का उदय

उत्तर भारत में उभरती हुई शुरुआती राजनीतिक इकाइयाँ जनपद थीं, जो पाषाण काल के कबीलों से विकसित हुईं।

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महाजनपदों का उल्लेख

बौद्ध ग्रंथ 'अंगुत्तर निकाय' और जैन ग्रंथ 'भगवती सूत्र' में 16 महाजनपदों का उल्लेख मिलता है।

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महाजनपदों के उदय के कारण

कृषि, उद्योग और व्यापार के विकास से महाजनपदों का उदय संभव हुआ।

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मगध का महत्व

बिहार क्षेत्र में मगध सबसे शक्तिशाली महाजनपद बना।

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मगध का साम्राज्य

मगध ने भारत में पहली बार साम्राज्य का रूप धारण किया।

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मगध की शक्ति के कारण

लोहे के विशाल भंडार, उपजाऊ भूमि और अन्य कारणों से मगध शक्तिशाली बना।

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मौर्य साम्राज्य की स्थापना

चाणक्य की मदद से चंद्रगुप्त मौर्य ने 322 ईसा पूर्व में मगध राज्य पर अधिकार किया।

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चंद्रगुप्त मौर्य का साम्राज्य

चंद्रगुप्त मौर्य ने एक विशाल साम्राज्य की स्थापना की, जिसमें बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, और पश्चिम मध्य भारत शामिल थे।

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चंद्रगुप्त मौर्य की विजय

चंद्रगुप्त मौर्य ने यूनानी शासक सिकंदर को हराकर सिंधु नदी का पश्चिमी क्षेत्र, अफगानिस्तान और बलूचिस्तान को अपने अधिकार में लिया।

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अशोक का साम्राज्य विस्तार

अशोक ने 261 ईसा पूर्व में कलिंग (उड़ीसा) को जितकर अपने साम्राज्य का राजनीतिक एकीकरण पूर्ण किया।

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अशोक का साम्राज्य नाम

अशोक ने अपने साम्राज्य का नाम "जम्मू द्वीप" रखा।

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Study Notes

भारतवर्ष का बोध एवं इसकी राजनीतिक रूपरेखा

  • भारत की पहचान से जुड़े विभिन्न नामों का परीक्षण कीजिए

    • भारतीय संविधान में भारत को राज्यों का संघ कहा गया है।
    • "इंडिया" या "भारत" शब्द अंग्रेजी राज के विरुद्ध राष्ट्रीय संघर्ष के दौरान विकसित हुआ।
    • भारत की सांस्कृतिक जड़ें प्राचीन काल में गहरी हैं।
    • सिंधु नदी और उसकी घाटी क्षेत्र को "हिंदू" या "इंडिया" कहा जाता था।
    • कालांतर में "हिंदुस्तान" और "इंडिया" जैसे नाम पूरे उपमहाद्वीप के लिए प्रचलित हुए।
    • अन्य नामों में "जम्बूद्वीप", "भारतवर्ष", "आर्यवर्त", "सप्त सिंधु", "उत्तरापथ", "दक्षिणा पथ" शामिल हैं।
  • "हिंदुस्तान" नाम ईरानी या पर्शियन स्वरूप में आया था।

    • ईरानी राजाओं ने सिंधु क्षेत्र को "हिंदू" कहा।
    • ईरानी भाषा में "स" का उच्चारण नहीं होता है, इसे "ह" के रूप में उच्चारित करते हैं।
    • शाहपुरर प्रथम के अभिलेख (262 ईस्वी) में "हिंदुस्तान" नाम का प्रयोग निचली सिंधु घाटी क्षेत्र के लिए किया गया है।
    • मध्यकालीन फारसी लेखकों ने "हिंदुस्तान" नाम का प्रयोग पूरे उपमहाद्वीप के लिए किया।
  • "इंडिया" शब्द प्राचीन काल में यूनानी भाषा में प्रयोग किया जाता था।

    • 5वीं शताब्दी ईसा पूर्व में हेरोडोटस ने पहली बार "इंडिया" नाम का प्रयोग किया।
    • यूनानी लोग "ह" का उच्चारण नहीं करते थे, इसलिए "सिंधु" से "हिंदू" और "हिंदू" से "इंडिया" नाम निकला।
    • सिकंदर के आक्रमण (326 ईसा पूर्व) के बाद यूनानी और भारतीयों के बीच संबंध मजबूत हुए।
    • मेगस्थनीज (चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में राजदूत, 305-298 ईसा पूर्व) ने अपनी रचना "इंडिका" में "इंडिया" शब्द का उपयोग पूरी भारत के लिए किया।
    • 1वीं शताब्दी ईसा पूर्व से भारत के भूमध्यसागरीय क्षेत्र के साथ व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंधों के कारण "इंडिया" की धारणा मजबूत हुई।
  • "सीना" नाम चीनी विद्वानों ने दिया था।

    • झांगकियान (हान वंश का चीनी राजदूत) ने सिंधु के निचले भाग और डेल्टा क्षेत्र को "सीना" कहा।
    • ७वीं शताब्दी में ह्यूएंसांग ने भारतीय उपमहाद्वीप को "सीना" या "इंडिया" कहा।
  • "सप्त सिंधु" नाम ऋग्वेद में मिलता है।

    • वैदिक साहित्य में यह नाम सिंधु और उसकी सहायक नदियों के क्षेत्र से जुड़ा है।
    • यह नाम उत्तर-पश्चिमी सीमा प्रांत (पाकिस्तान), पंजाब (भारत और पाकिस्तान), निचली सिंधु घाटी उपत्यका, और अफगानिस्तान के क्षेत्रों को संदर्भित करता है।
  • "आर्यवर्त" नाम उत्तर वैदिक साहित्य में मिलता है।

    • यह नाम भारत के उत्तरी और मध्य प्रांतों के क्षेत्र को कहा जाता था।
    • मनुस्मृति में पूरे उत्तरी भारत को "आर्यवर्त" कहा गया है।
    • 9वीं शताब्दी के विद्वान राजशेखर ने "नर्मदा" के उत्तरी भाग को "आर्यवर्त" कहा।
  • "उत्तरापथ" और "दक्षिणा पथ" नाम 7वीं सदी के स्रोतों में मिलते हैं।

    • ये नाम उत्तर और दक्षिण भारत के मुख्य व्यापारिक मार्गों से जुड़े हुए हैं।
    • यूनानी लेखकों ने "नर्मदा" नदी के दक्षिण क्षेत्र को "दाना बाश" या "दक्षिण क्त्र" कहा।
  • "जम्बूद्वीप" नाम भौगोलिक और पौराणिक परिकल्पना के आधार पर है।

    • भागवत पुराण में "जम्बूद्वीप" को पृथ्वी के केंद्र में स्थित बताया गया है, जिसमें "हिमालय" पर्वत श्रृंखला है।
    • मौर्य सम्राट अशोक के शासनकाल को "जम्बूद्वीप" कहा जाता था।
  • "भारतवर्ष" नाम "भरत जन" से निकला है।

    • "भरत जन" के शासक "सुभास" ने रण में जीत हासिल की थी।
    • महाभारत में "भरत" का उल्लेख "दृष्टधुम्ना" और "शकुंतला" के पुत्र के रूप में है।
    • जैन मान्यता के अनुसार, "भारतवर्ष" नाम "ऋषभदेव" के पुत्र "भरत" के नाम पर पड़ा है।
    • "भारतवर्ष" नाम का पहला उल्लेख पाणिनी की "अष्टाध्यायी" (5वीं शताब्दी ईसा पूर्व) में मिलता है।
    • "भारतवर्ष" नाम का पहला उल्लेख "खारवेल की हाथी गुफा प्रशस्ति"(1वीं शताब्दी ईसा पूर्व, उड़ीसा) में देखा जा सकता है।
    • 4वीं-5वीं शताब्दी ईसा पूर्व में "भारतवर्ष" नाम पूरे उपमहाद्वीप को दिया जाने लगा।
  • भारत की सांस्कृतिक पहचान विविधता में एकता से बनी है।

  • भौगोलिक विविधता से भरा भारतीय उपमहाद्वीप में अनेक संस्कृतियाँ और उपसंस्कृतियाँ विकसित हुई हैं।

    • अलग-अलग भाषाएँ और बोलियाँ भी विकसित हुई हैं।
    • भारत की साँस्कृतिक पहचान विभिन्न संस्कृतियों के मेल-जोल से बनी है।
    • संस्कृति परंपराओं, विश्वासों, और जीवन के तौर-तरीकों का संयोजन है।
    • भारत में विभिन्न चिंतक (ऋषि मुनि, वेद वेदांत, बौद्ध, जैन, भागवत संत) सत्या की खोज करते रहे हैं।
    • सत्य, प्रेम, अहिंसा, क्षमा, और करुणा भारत के सामान्य मूल्य हैं।
    • भारत विभिन्नता में एकता और एकता में विभिन्नता को समावेशित करता है।
  • भारत में विविधता भाषा, धर्म, विश्वास, रहन-सहन, खाना-पीना, और परंपराओं में देखी जा सकती है।

  • धार्मिक विविधता: भारत में विभिन्न धर्म (वैदिक धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म, भागवत धर्म) और उनसे जुड़े संप्रदाय विकसित हुए हैं।

  • भाषाई विविधता: भारत समृद्ध भाषाई विविधता वाला देश है। संविधान में 22 भाषाओं को "मान्यता" दी गई है।

  • सांस्कृतिक इकाईयों की विविधता: भारत के अलग-अलग भौगोलिक क्षेत्रों में अलग-अलग सांस्कृतिक इकाइयों का निर्माण हुआ है।

  • भारत की एकता की प्रक्रिया:

    • वैदिक संस्कृति का प्रभाव: हड़प्पा संस्कृति के बाद उत्तर भारत में प्रभावशाली वैदिक संस्कृति का उदय और विस्तार हुआ।
    • बौद्ध और जैन धर्मों में भी वैदिक प्रभाव मिलता है।
    • "वेद" इस संस्कृति का मूल ग्रंथ है।

  • (अन्य अनुच्छेद मौजूद हैं, उसी प्रारूप में जारी रखें।)*

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Quiz Team

Description

इस क्विज में भारतवर्ष के विभिन्न नामों और उसकी राजनीतिक पहचान पर चर्चा की गई है। भारत के ऐतिहासिक नामों जैसे 'इंडिया', 'हिंदुस्तान' और अन्य नामों के विकास का विश्लेषण किया गया है। यह क्विज भारतीय संस्कृति और राजनीतिक इतिहास को समझने में सहायक होगा।

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