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Questions and Answers
भारतनाट्यम नृत्य का उद्गम स्थान कहाँ है?
भारतनाट्यम नृत्य का उद्गम स्थान कहाँ है?
- तमिल नाडु (correct)
- उतर प्रदेश
- केरल
- असम
कुचिपुड़ी नृत्य का संबंध किस क्षेत्र से है?
कुचिपुड़ी नृत्य का संबंध किस क्षेत्र से है?
- मणिपुर
- ओडिशा
- आंध्र प्रदेश (correct)
- हिमाचल प्रदेश
मोहीनियाट्टम नृत्य किस स्थान से निकला है?
मोहीनियाट्टम नृत्य किस स्थान से निकला है?
- उत्तर प्रदेश
- तमिल नाडु
- केरल (correct)
- मणिपुर
सत्रिय नृत्य किस राज्य से संबंधित है?
सत्रिय नृत्य किस राज्य से संबंधित है?
कथक नृत्य की उत्पत्ति कहाँ हुई है?
कथक नृत्य की उत्पत्ति कहाँ हुई है?
ओडिशी नृत्य किस क्षेत्र से उत्पन्न हुआ है?
ओडिशी नृत्य किस क्षेत्र से उत्पन्न हुआ है?
कथकली नृत्य का संबंध किस राज्य से है?
कथकली नृत्य का संबंध किस राज्य से है?
मणिपुरी नृत्य किस क्षेत्र से संबंधित है?
मणिपुरी नृत्य किस क्षेत्र से संबंधित है?
नृत्य शास्त्रों के साथ जुड़े प्रसिद्ध व्यक्तियों में कौन नहीं है?
नृत्य शास्त्रों के साथ जुड़े प्रसिद्ध व्यक्तियों में कौन नहीं है?
Study Notes
भारत के शास्त्रीय नृत्य रूप
- "PARMAR SSC शास्त्रीय नृत्य प्रतिपादक" एक दिमाग के नक्शे के रूप में शास्त्रीय नृत्य शैलियों को दर्शाता है।
- नक्शा विभिन्न नृत्य रूपों को शाखाओं में बांटता है: भरतनाट्यम, कुचिपुड़ी, मोहिनीअट्टम, कथकली, कथक, मणिपुरी, ओडिसी, और सत्त्रिया।
- प्रत्येक शाखा में उप-शैलियाँ, उत्पत्ति और प्रमुख व्यक्तियों का विवरण होता है।
- भरतनाट्यम: तमिलनाडु से उत्पन्न, विशिष्ट हस्तियों और क्षेत्रों से जुड़ा है।
- कुचिपुड़ी: यह नृत्य शैली भी भारत में एक विशिष्ट क्षेत्र से उत्पन्न हुई है, जो अन्य प्रमुख हस्तियों से जुड़ी है।
- मोहिनीअट्टम: केरल में उत्पन्न, यह कुछ हस्तियों और स्थानों से जुड़ा है।
- कथकली: केरल और विशिष्ट हस्तियों से जुड़ा है।
- कथक: उत्तर प्रदेश में उत्पन्न हुआ।
- मणिपुरी: मणिपुर में उत्पन्न हुआ।
- ओडिसी: ओडिशा से उत्पन्न यह नृत्य रूप विशिष्ट व्यक्तियों और स्थानों से जुड़ा है।
- सत्त्रिया: असम से उत्पन्न हुआ है, इसके संबद्ध व्यक्तियों से जुड़ा है।
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Description
इस प्रश्नोत्तरी में भारत के प्रमुख शास्त्रीय नृत्य रूपों की पहचान की जाएगी। इसमें भरतनाट्यम, कुचिपुड़ी, मोहिनीअट्टम, कथकली, कथक, मणिपुरी, ओडिसी, और सत्त्रिया जैसे नृत्य शैलियों की उत्पत्ति, उप-शैलियाँ और प्रमुख हस्तियों का विवरण शामिल है। यह वस्तु अध्ययन सशक्त रूप से शास्त्रीय नृत्य की विविधता को दर्शाता है।