भक्ति साहित्‍य में उद्धव और गोपियाँ
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Questions and Answers

गोपियों द्वारा उद्धव को धन्य कहने में कौन सी विडंबना निहित है?

  • गोपियाँ उद्धव को बहुत प्रिय मानती हैं।
  • उद्धव ने प्रेम का अनुभव नहीं किया है। (correct)
  • उद्धव सबसे भाग्यशाली हैं।
  • उद्धव को प्रेम की गहराई का ज्ञान है।

उद्धव के कार्यों की तुलना किस वस्तु से की गई?

  • पेड़ की छाया
  • चाँद की रोशनी
  • कमल के पत्ते (correct)
  • नदियों का पानी

गोपियों ने उद्धव को किस तरह से आलोचना की?

  • उन्हें अपने प्रेम का इज़हार न कर पाने पर। (correct)
  • उद्धव के संदर्भ में उनकी बेतुकी बातों पर।
  • गोपियों के लिए उद्धव की मदद न करने पर।
  • कृष्ण के प्रति उद्धव की निष्ठा पर।

उद्धव के संदेश ने गोपियों की किस भावना को और बढ़ाया?

<p>दुख (C)</p> Signup and view all the answers

फ्रेज 'मरजादा न लही' का क्या अर्थ है?

<p>प्रेम की गरिमा में कमी। (C)</p> Signup and view all the answers

गोपियों ने किस रूपक का प्रयोग किया जब उन्होंने कृष्ण के लिए अपने प्रेम को व्यक्त किया?

<p>चींटियों का शक्कर से चिपकना (D)</p> Signup and view all the answers

गोपियों की भावना का गहराई से वर्णन किस चीज द्वारा किया गया?

<p>दुख भरे संगीत (B)</p> Signup and view all the answers

गोपियों ने उद्धव की बातों को कैसे समझा?

<p>कृष्ण की अवहेलना के रूप में। (C)</p> Signup and view all the answers

Flashcards

गोपियों की उद्धव की प्रशंसा में क्या विडंबना है?

गोपियों द्वारा उद्धव की प्रशंसा विडंबनापूर्ण है क्योंकि वे यह कहकर कि वे भाग्यशाली हैं, वास्तव में व्यंग करते हुए यह बताना चाहती हैं कि उद्धव प्यार का अनुभव न करने के कारण और किसी को प्यार देने से वंचित रहने के कारण दुर्भाग्यशाली हैं। वे ये भी暗示ित करती हैं कि जो प्यार का सुख नहीं जानता है वह दूसरों से ज्यादा दुर्भाग्यशाली होता है।

उद्धव के कार्यों की तुलना किससे की गई थी?

उद्धव के कार्यों की तुलना पानी पर तैरते कमल के पत्तों और पानी पर तैरते तेल से भरे मिट्टी के बर्तन से की गई।

गोपियाँ उद्धव की आलोचना करने के लिए किन उदाहरणों का उपयोग करती हैं?

गोपियाँ उद्धव की आलोचना इन उदाहरणों का उपयोग करके करती हैं:

  1. उनका प्रेम अनकहा और असाझा रहा - न तो कृष्ण के साथ और न ही किसी और के साथ।
  2. उन्होंने कृष्ण का इंतजार किया, लेकिन कृष्ण के आने की जगह एक संदेश मिला। इसने उनकी लालसा और दुःख को और बढ़ा दिया।
  3. वे चाहती थीं कि कृष्ण उनके प्रेम का सम्मान करें। उन्हें धोखा महसूस हुआ क्योंकि उन्होंने एक दूत (उद्धव) के माध्यम से उनके भक्ति को अनदेखा किया, बजाय खुद आने के, जिसे वे शिष्टाचार का उल्लंघन मानती थीं।
  4. वे उम्मीद करती थीं कि कृष्ण प्रेम के नियमों का सम्मान करेंगे, हालांकि, उद्धव के संदेश ने इन मूल्यों को अनदेखा कर दिया।

उद्धव का संदेश गोपियों के दुःख को कैसे बढ़ाता है?

उद्धव का संदेश गोपियों के दुःख को और ज्यादा बढ़ा देता है क्योंकि कृष्ण के आने की उम्मीद की जगह एक वार्तालाप आ गया। यह संदेश उनकी गहरी लालसा को और बढ़ा देता है, ठीक वैसे ही जैसे आग में तेल डालने पर आग और तेज़ हो जाती है, इसने उनके दुख को और तीव्र और भस्म करने वाला बना दिया।

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मरजादा न लही वाक्यांश का क्या तात्पर्य है?

इस वाक्यांश का अर्थ प्रेम के सिद्धांतों और शिष्टाचार का उल्लंघन है। यह प्रेम के मानदंडों और अपेक्षाओं के उल्लंघन पर जोर देता है।

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गोपियाँ कृष्ण के लिए अपने प्रेम को कैसे व्यक्त करती हैं?

गोपियाँ कृष्ण के लिए अपने गहरे प्रेम को इन रूपकों का उपयोग करके व्यक्त करती हैं:

  1. वे खुद को चींटी से तुलना करती हैं जो चीनी के एक ढेर (कृष्ण) से चिपके हुए हैं, जो उनकी भक्ति को दर्शाता है।
  2. वे खुद को पक्षी से तुलना करती हैं जो कृष्ण की इच्छा रखते हैं, जो उनकी लालसा पर जोर देता है।
  3. वे घोषणा करती हैं कि उन्होंने कृष्ण को अपने मन, दिल और कार्यों में रखा है, जो अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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उद्धव गोपियों के लिए प्रतीक क्यों है?

उद्धव एक दूत है, जो कृष्ण के प्रेम करने वालों को एक संदेश पहुँचाता है, वह प्रेम और भक्ति का ठीक विपरीत है।

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Study Notes

प्रश्न 1: गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने का व्यंग्य

  • गोपियाँ उद्धव को भाग्यवान कहकर व्यंग्य करती हैं, क्योंकि वे जानती हैं कि उद्धव प्रेम का अनुभव नहीं कर सके हैं।
  • वे यह व्यंग्य करती हैं कि उद्धव किसी को प्यार ही नहीं कर पाए।

प्रश्न 2: उद्धव के व्यवहार की तुलना

  • उद्धव के व्यवहार की तुलना जल में रहने वाले कमल के पत्तों से और जल में पड़ी तेल की गगरी से की गई है।

प्रश्न 3: गोपियों द्वारा उद्धव को दिए गए उलाहने

  • गोपियाँ उद्धव को उनके द्वारा दिए गए योग-सन्देश के कारण उलाहने देती हैं।
  • उनके प्रेम-सन्देश नहीं पहुँच पाने की बात की है।
  • वे कृष्ण के आने का इंतजार करती रहीं।
  • वे कृष्ण से अपनी रक्षा की गुहार लगाना चाहती हैं, पर उद्धव द्वारा योग-सन्देश भेजने से उनकी विरह-व्यथा बढ़ी है।
  • गोपियों को लगता है कि उद्धव ने कृष्ण की मर्यादा का उल्लंघन किया है।

प्रश्न 4: उद्धव द्वारा दिया गया योग-सन्देश

  • उद्धव का योग-सन्देश गोपियों की विरह-व्यथा को और बढ़ा देता है क्योंकि गोपियों को लगता है कि कृष्ण उनके प्रेम के प्रति उदासीन हैं।

प्रश्न 5: 'मरजादा न लही' का अर्थ

  • 'मरजादा न लही' कहने से प्रेमी-प्रेमिका दोनों की ओर से प्रेम की मर्यादा का पालन न करने की बात कही जाती है।

प्रश्न 6: गोपियों का कृष्ण के प्रति प्रेम

  • गोपियाँ अपने अनन्य प्रेम को कई तरीकों से व्यक्त करती हैं, जैसे कि खुद को कृष्ण के प्रेम में फँसी चींटियाँ बताना, हारिल पक्षी कहना और कृष्ण को मन, वचन और कर्म से याद रखना।

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Quiz Team

Description

इस क्विज में हम गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने और उनके प्रति व्यंग्य की चर्चा करेंगे। उद्धव के व्यवहार और योग-सन्देश के प्रभाव का मूल्यांकन किया जाएगा, जिससे उनकी और गोपियों की भावनाएँ उजागर होंगी।

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