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Questions and Answers
आर्यभट्ट ने किस ग्रंथ की रचना विक्रम संवत 556 (499 ई. सन्) में की?
आर्यभट्ट ने किस ग्रंथ की रचना विक्रम संवत 556 (499 ई. सन्) में की?
- आर्यभट्टीय (correct)
- सूर्य सिद्धांत
- गणित सिद्धांत
- त्रिकोणमिति
आर्यभट्ट के ग्रंथ में त्रिकोणमिति का पहली बार उल्लेख किया गया है। यह ग्रंथ क्या है?
आर्यभट्ट के ग्रंथ में त्रिकोणमिति का पहली बार उल्लेख किया गया है। यह ग्रंथ क्या है?
- सिद्धांत शिरोमणी
- ज्योतिष सिद्धांत
- अर्थशास्त्र
- आर्यभट्टीय (correct)
आर्यभट्ट का जन्म स्थान कौन सा है?
आर्यभट्ट का जन्म स्थान कौन सा है?
- राजगृह
- उज्जैन
- कुसुमपुर (correct)
- कानपुर
आर्यभट्ट का सबसे प्रसिद्ध ग्रंथ कितने खंडों में विभाजित है?
आर्यभट्ट का सबसे प्रसिद्ध ग्रंथ कितने खंडों में विभाजित है?
आर्यभट्ट द्वारा किस विषय पर अच्छे अधिकार के लिए जाने जाते थे?
आर्यभट्ट द्वारा किस विषय पर अच्छे अधिकार के लिए जाने जाते थे?
आर्यभट्ट ने त्रिकोणमिति के लिए कितने सूत्रों की खोज की?
आर्यभट्ट ने त्रिकोणमिति के लिए कितने सूत्रों की खोज की?
आर्यभट्ट के ग्रंथ आर्यभट्टीय के चौथे खंड का नाम क्या है?
आर्यभट्ट के ग्रंथ आर्यभट्टीय के चौथे खंड का नाम क्या है?
आर्यभट्ट का जन्म कब हुआ था?
आर्यभट्ट का जन्म कब हुआ था?
आर्यभट्ट का जन्म किस साम्राज्य के काल में हुआ था?
आर्यभट्ट का जन्म किस साम्राज्य के काल में हुआ था?
आर्यभट्ट ने सूत्र शैली में क्या किया?
आर्यभट्ट ने सूत्र शैली में क्या किया?
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Study Notes
आर्यभट्ट का जन्म और काल
- जन्म विक्रम संवत 533 (476 ई.) में हुआ, जो भारत के स्वर्ण युग का हिस्सा था।
- मगध शासक गुप्त साम्राज्य के तहत भारत ने महत्वपूर्ण प्रगति की।
जन्म स्थान और शिक्षा
- जन्म स्थान पटना के निकट कुसुमपुर, प्राचीन पाटलीपुत्र में।
- गणित, ज्योतिष और खगोल विज्ञान में ज्ञान हासिल किया।
प्रमुख ग्रंथ
- "आर्यभट्टीय" आर्यभट्ट का सबसे प्रसिद्ध ग्रंथ है, जिसे विक्रम संवत 556 (499 ई.) में लिखा गया।
- ग्रंथ को चार खण्डों में विभाजित किया गया और यह छन्दों में लिखा गया है।
- सूत्र शैली में लिखा गया, जिससे संक्षेप में सिद्धान्तों का प्रस्तुतीकरण किया गया है।
सूत्र शैली और सूर्य सिद्धांत
- सूत्र शैली में एक ही श्लोक में कई गणितीय नियमों का समावेश किया गया।
- चौथे खण्ड "गोलपाद" में केवल ग्यारह श्लोक हैं, जिनमें सम्पूर्ण सूर्य सिद्धांत का विवरण है।
त्रिकोणमिति का आविष्कार
- आर्यभट्ट त्रिकोणमिति के भी आविष्कर्ता माने जाते हैं।
- "आर्यभट्टीय" में त्रिकोणमिति के कई सूत्रों का पहली बार उल्लेख किया गया है।
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