मूल्यांकन की संकल्पना PDF

Summary

This document discusses the concept of assessment in education. It explains the meaning, characteristics, and types of assessment, including formative and summative assessment. The importance of assessment in education is also covered, highlighting its role in identifying student learning gaps and improving educational outcomes.

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मूल्यांकन की सांकल्पनय शिक्षण अभिक्षमतय Copyright © 2014-2021 Testbook Edu Solutions Pvt. Ltd.: All rights reserved Download Testbook App मूल्यांकन की सांकल्पनय 'मूल्ाांकन' िब्द शिक्षा में शिक...

मूल्यांकन की सांकल्पनय शिक्षण अभिक्षमतय Copyright © 2014-2021 Testbook Edu Solutions Pvt. Ltd.: All rights reserved Download Testbook App मूल्यांकन की सांकल्पनय 'मूल्ाांकन' िब्द शिक्षा में शिक्षण-अशिगम प्रभिया से सांबांशित है। अमेरिकी शिक्षक िाल्फ टायलि ने पहली बाि 1930 के दिक की िुरुआत में 'मूल्ाांकन' िब्द प्रदान ककया था। िाल्फ टायलि को शिक्षा में मूल्ाांकन औि मूल्ाांकन के क्षेत्र में उनके योगदान के ललए 'मूल्ाांकन के जनक' के रूप में िी जाना जाता है। मूल्यांकन कय अर्थ मूल्ाांकन औि कुछ नहीं बल्कि एक विशि है शजसका उपयोग ककसी िस्तु के मूल् का पता लगाने के ललए ककया जाता है। मूल्ाांकन को कनणणय लेने की प्रभिया के एक िाग के रूप में िी जाना जाता है। मूल्ाांकन एक व्यापक औि कनिांति प्रभिया है औि प्रयास है शजसके द्वािा यह मापा जाता है कक मात्रात्मक औि गुणात्मक उद्देश्यों को ककतना लागू ककया गया है औि उन्हें प्राप्त ककया गया है। शिक्षा में, मूल्ाांकन का उपयोग छात्र के विकास औि उपलल्कियों को मापने के ललए ककया जाता है। यह अशिगम की प्रभिया औि पाठ्यचयाण की प्रिाििीलता को िी मापता है। मूल्ाांकन प्रभिया एक जकटल प्रभिया है औि इसमें कनिांतिता औि बहुमुखी प्रवतिा होनी चाभहए। मूल्ाांकन को न केिल एक छात्र के अतीत औि ितणमान व्यिहाि पहलुओ ां को महत्व भदया जाता है, बल्कि एक छात्र के िविष्य के व्यिहाि सांबांिी पहलुओ ां को िी महत्व भदया जाता है। मूल्ाांकन की प्रमुख वििेषताएां कनम्नललखखत हैं: मूल्ाांकन एक सतत औि व्यिल्कित प्रभिया है। इसमें मूल् कनिाणिण िावमल हैं। यह एक व्यापक प्रभिया है शजसमें पिीक्षण, मापन औि आकलन िावमल है। यह अशिगम की प्रिाििीलता को मापता है। मूल्ाांकन छात्रों के सांपूणण औि सुगठित व्यशित्व को सांदभिि त किता है। मूल्यांकन के प्रकयर मूल्ाांकन के तीन प्रमुख प्रकाि हैं: शिक्षण अभिक्षमता | मूल्ाांकन की सांकल्पना पृष्ठ 2 Download Testbook App योगयत्मक मूल्यांकन रचनयत्मक मूल्यांकन नैदयननक मूल्यांकन िचनात्मक मूल्ाांकन पाठ्यिम या शिक्षण नैदाकनक मूल्ाांकन,िचनात्मक मूल्ाांकन से योगात्मक मूल्ाांकन प्राय: शिक्षण पाठ्यिम कायणिम के साथ या उसके दौिान ककया जाता कनकटता से जुड़ा हुआ है। इसे िचनात्मक या कायणिम के अां त में ककया जाता है। है। यह कहना बेहति होगा कक िचनात्मक मूल्ाांकन के साथ ककया जाता है। किी-किी मूल्ाांकन पाठ्यिम में अां तकनि भहत होता है। नैदाकनक मूल्ाांकन पाठ्यिम से पहले ककया योगात्मक मूल्ाांकन औपचारिक होता है। िचनात्मक मूल्ाांकन अनौपचारिक होता है। नैदाकनक मूल्ाांकन िी अनौपचारिक होता है। िचनात्मक मूल्ाांकन मुख्य रूप से विद्याथी की योगात्मक मूल्ाांकन एक छात्र की उपलल्कि प्रगवत पि प्रवतपुभि प्राप्त किने औि विद्याथी के औि सफलता का पता लगाने एिां पदोन्नवत, एक छात्र की कमजोिी का पता लगाने के ललए अशिगम सुिाि को समझने के ललए ललया िैंक देने या प्रमाण पत्र प्रदान किने के ललए नैदाकनक मूल्ाांकन ककया जाता है। जाता है। ककया जाता है। यह शिक्षण दक्षता का पता लगाने के ललए िी अनौपचारिक कक्षा पिीक्षण, प्रदत कायण, औि पाठ्यिम के आिांभिक वबिं दु पि दृभि पिीक्षण, स्कूल में िावषि क पिीक्षा, सािणजकनक पिीक्षा विभिन्न कक्षा भियाकलाप िचनात्मक श्रिण पिीक्षण नैदाकनक मूल्ाांकन के उदाहिण योगात्मक मूल्ाांकन के उदाहिण हैं। मूल्ाांकन के उदाहिण हैं। हैं। मूल्यांकन कय महत्व शिक्षा में मूल्ाांकन एक महत्वपूणण प्रभिया है। मूल्ाांकन के प्रमुख महत्व इस प्रकाि हैं: यह मूल्ाांकन से ज्ञात होता है कक एक छात्र अशिगम प्रभिया से प्रिािी ढांग से ककतना ज्ञान प्राप्त किता है। मूल्ाांकन प्रभिया मुख्य रूप से शिक्षण-अशिगम योजना औि पाठ्यिम की प्रिाििीलता की कोकट की पहचान किती है। मूल्ाांकन, छात्र की कठिनाइयों का पता लगाता है औि इन्हे हल किने औि उशचत उपाय प्रदान किने में सहायता किता है। शिक्षा में सकािात्मक बदलाि के ललए मूल्ाांकन की महत्वपूणण िूवमका होती है। शिक्षण अभिक्षमता | मूल्ाांकन की सांकल्पना पृष्ठ 3 Download Testbook App मूल्यांकन के तत्व मूल्ाांकन को योजनाबद्ध ढांग से आयोशजत ककया जाता है शजसके आि तत्व है। आि तत्वों पि चचाण इस प्रकाि है: इसमें मूल्ाांकन में अां तकनि भहत उद्देश्य िावमल होते हैं जो सम्पूणण मूल्ाांकन प्रभिया के ललए समय की आिश्यकता को उद्देश्य कनिाणरित किते हैं। श्रोतयगण इसमें उस तिह की जानकािी िावमल है जो हम मूल्ाांकन से प्राप्त किना चाहते है। इसमें आां कड़ों का सांग्रह उपकिण औि आां कड़ों के विश्लेषण प्रकाि की चयन प्रभिया िावमल है जो मूल्ाांकन प्रभिया में की विषय/मुद्दे जाती है। सांसािनों का अथण उस प्रकाि के उपकिणों से है जो मूल्ाांकन प्रभिया का सांचालन किेंगे। उपकिण मानिीय सांसािन औि सांसयधन गैि-मानिीय सांसािन िी हो सकते हैं। मानिीय सांसािन छात्र या शिक्षक हैं। गैि-मानिीय सांसािन प्रश्नािली औि िेकटिं ग पैमाने हैं। सयक्ष्य इसमें साक्ष्य के प्रकाि िावमल है शजसे साक्ष्य प्रभिया में प्रश्नों का उत्ति देने की आिश्यकता होती है। आँ कड़ें सांग्रह करने इसका अथण आँ कड़ें एकत्र किने का तिीका है। आँ कड़ें सांग्रह किने िाले उपकिण गुणात्मक या मात्रात्मक हो सकते हैं। ियले उपकरण बािांबािता वितिण चाटण, आलेख, भहस्टोग्राम औि िणणनात्मक विश्लेषण का उपयोग मूल्ाांकन परिणाम के विश्लेषण के ललए विश्लेषण ककया जाता है। प्रवतिेदन/ररपोर्थ इसमें श्रोतगणों को सांपूणण विश्लेषण के परिणाम की रिपोटण किना िावमल है। करनय मूल्यांकन के प्रकययथ मूल्ाांकन का मुख्य प्रकायण छात्रों की अशिगम की प्रगवत की पहचान किना है। इस मूल्ाांकन प्रभिया के अवतरिि अन्य विभिन्न महत्वपूणण कायण हैं शजनकी चचाण इस प्रकाि है: छयत्रों यय शिक्षयर्र्ि यों की मूल्ाांकन एक छात्र की आिश्यकताओ ां की पहचान कि सकता है। आिश्यकता के अनुसाि, प्रशिक्षक ज्ञान औि कौिल आिश्यकतयओ ां कय प्रदान कि सकते हैं। आकलन करनय शिक्षण अभिक्षमता | मूल्ाांकन की सांकल्पना पृष्ठ 4 Download Testbook App पयठ्यक्रम के शलए एक प्रिािी औि सतत मूल्ाांकन प्रभिया ककसी वििेष पाठ्यिम के ललए उपयोगी विषय सामग्री तैयाि किने में सहायता विषय सयमग्री तैययर किती है। करनय छयत्रों को प्रवतपुभि मूल्ाांकन के माध्यम से, शिक्षकों को एक छात्र की अशिगम की कठिनाइयों के बािे में सूशचत ककया जाता है। इसके प्रदयन करनय अलािा, मूल्ाांकन छात्रों को उनके सुिाि की भदिा प्रदान किने में सहायता किता है। छयत्र की प्रगवत कय पतय लगयनय और एक व्यिल्कित मूल्ाांकन एक छात्र की सम्पूणण प्रगवत का पता लगाता है औि भफि शिक्षक उनके माता-भपता को छात्रों की मयतय-भपतय को अशिगम की प्रगवत औि कठिनाइयों के बािे में सूशचत किने के ललए मूल्ाांकन रिपोटण प्रदान कि सकता है। सूर्चत करनय छयत्र को परयमिथ एक प्रिािी मूल्ाांकन प्रभिया छात्र की क्षमताओ ां औि रुशचयों की पहचान किती है जो प्रशिक्षकों को छात्रों को उशचत और मयगथदिथन मागणदिणन औि पिामिण प्रदान किने में सहायता किती है। प्रदयन करनय सांगिनात्मक योजना औि पाठ्यचयाण रूपिेखा की प्रिाििीलता का पता लगाने के ललए विद्यालई कायणिमों पि प्रिािी विद्ययलय अनुसांधयन अनुसांिान महत्वपूणण है। मूल्ाांकन आँ कड़ें इस प्रिािी अनुसांिान में सहायता कि सकते है। प्रियिी विद्ययलय मूल्ाांकन आां कड़ों के माध्यम से, एक विद्यालय प्रिासक पाठ्यचयाण की सुदृढ़ता औि कमजोरियों की पहचान कि सकता प्रियसन है। उसके अनुसाि िे विद्यालय में वििेष कायणिम आयोशजत कि सकते हैं। यह प्रिेि औि अन्य विकास के सांबांि में कनणणय शिक्षण अभिक्षमता | मूल्ाांकन की सांकल्पना पृष्ठ 5

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