Samachar - Hindi Chapter 15 (Mind Faces Notes) PDF
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These notes discuss the importance of news, its various forms (print, television, etc), and the role of reporters and editors.
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Samachar – Hindi Chapter 15 (Mind Faces FYJC Notes) Mind Faces - Rights reserved ©️ Background - “समाचार : जन से जनहित तक” एक लेख िै , जो समाचार की आवश्यकता, मित्ता और भववष्य की संभावनाओं पर प्रकाश डालता िै । यि लेख समाचार के माध्यम से जनहित को कैसे संवर्धित ककया जा सकता िै , इस पर भी चचाि करता िै...
Samachar – Hindi Chapter 15 (Mind Faces FYJC Notes) Mind Faces - Rights reserved ©️ Background - “समाचार : जन से जनहित तक” एक लेख िै , जो समाचार की आवश्यकता, मित्ता और भववष्य की संभावनाओं पर प्रकाश डालता िै । यि लेख समाचार के माध्यम से जनहित को कैसे संवर्धित ककया जा सकता िै , इस पर भी चचाि करता िै। Explanation आज सैटेलाइट के माध्यम से ववश्व में घहटत घटनाएँ संचार माध्यम की सिायता से िम दे ख पढ़ या सुन लेते िै । तीनों माध्यम मनोरं जन, ज्ञानवधिन और सूचना प्रसारण करते िैं। इसी सूचना के अंतर्ित समाचार आते िैं। समाचार पत्र को वप्रंट ममडडया किा जाता िै। इसमें ववववध समाचार एजंमसयाँ तथा ररपोटिर समाचार प्राप्त करते िैं। उप संपादक प्राप्त समाचारों का लेखन करता िै , मुहित सामग्री की त्रुहटयाँ मुहित शोधक दरू करता िै और उसे शद् ु ध, समुर्चत, मानक साहित्ययक भाषाई रूप प्रदान करता िै। उसके बाद प्रधान संपादक की ओर से िरी झंडी ममलने पर छपाई शरू ु िोती िै। दरू दशिन/टी.वी चैनल्स (ववजुअल) दृश्य मीडडया िै । इस माध्यम द्वारा समाचार प्रस्तत ु करने में प्रोड्युसर इंजीननयर, कैमरामैन, फ्लोर मैनेजर, वीडडयो संपादक, ग्राकिक आहटिस्ट आहद कई लोर् शाममल िोते िैं। समाचार लेखन, वाचन और प्रसारण का काम पूरी टीम करती िै। समाचार वाचक के मलए टे लीपॉप्टर की सुववधा िोती िै । समाचार वाचक के मलए प्रभावशाली व्यत्ततयव के साथ-साथ सुयोग्य आवाज, शुद्ध उच्चारण, भाषा का ज्ञान आहद आवश्यक िै । समाचार प्राप्त करने के अनेक साधन िैं समाचार एजेंमसयाँ, प्रेस ववज्ञत्प्तयाँ (press release), भेट वातािएँ (interview), राजनीनतक पाहटि यों के प्रवतता, मोबाइल पर ररकॉडि की र्ई कोई जानकारी आहद। समाचार का स्वरूप भी बिुत ववस्तत ृ िै। राजनीनतक, खेल, व्यापार, रोजर्ार, ववज्ञान, बजट, चुनाव, कृवष, स्वास््य आहद से संबंर्धत समाचार प्रसाररत िोते िैं। समाचार की भाषा सरल और सिज िोनी चाहिए। समाचार में ऐसी बात न िो त्जससे ककसी धमि, जानत या वर्ि की भावना को चोट पिुँचे। समाचार प्रस्तनु त राष्रहित, एकता और अखंडता को ध्यान में रखकर िोनी चाहिए। आज इस क्षेत्र में रोजर्ार की संभावनाएँ बढ़ र्ई िैं। यू.पी.एस.सी. की परीक्षाएँ दे कर रोजर्ार प्राप्त कर सकते िैं। Conclusion “समाचार : जन से जनहित तक” एक मियवपूणि लेख िै । यि लेख िमें समाचार की आवश्यकता, मित्ता और भववष्य की संभावनाओं के बारे में बताता िै । यि लेख िमें समाचार के माध्यम से जनहित को संवर्धित करने के मलए प्रेररत करता िै।