किस युग में कविता में व्यक्तिवाद, भावुकता और प्रकृति की पूजा की विशेषताएँ थीं? किस युग में कविता में व्यक्तिवाद, भावुकता और प्रकृति की पूजा की विशेषताएँ थीं?
Understand the Problem
यह प्रश्न पूछ रहा है कि कविता में व्यक्तिवाद, भावुकता और प्रकृति की पूजा की विशेषताएँ किस युग में थीं। हमें दिए गए विकल्पों में से सही युग का चयन करना है।
Answer
छायावाद युग में कविता में व्यक्तिवाद, भावुकता और प्रकृति की पूजा की विशेषताएँ थीं।
कविता में व्यक्तिवाद, भावुकता और प्रकृति की पूजा की विशेषताएँ छायावाद युग में थीं। यह युग हिंदी साहित्य के इतिहास में 1918 से 1936 तक माना जाता है।
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कविता में व्यक्तिवाद, भावुकता और प्रकृति की पूजा की विशेषताएँ छायावाद युग में थीं। यह युग हिंदी साहित्य के इतिहास में 1918 से 1936 तक माना जाता है।
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छायावाद युग के कुछ प्रमुख कवि हैं जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला', और महादेवी वर्मा।
Tips
छायावाद युग को समझने के लिए, इसके कवियों और उनकी रचनाओं का अध्ययन करना उपयोगी होता है।
Sources
- हिन्दी कविता का स्वर्ण युग किसे कहा जाता है? - Quora - hi.quora.com
- छायावादी काव्य - Dignified India - dignifiedindia.blogspot.com
- हिंदी साहित्य के छायावादी काल की क्या विशेषताएं थीं तथा इसका यह नाम कैसे ... - hi.quora.com
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